किसानों को सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लेना हुआ आसान
यूनिट किसानों को नहीं करनी पड़ेगी भाग-दौड़ लाभ लेने के लिये ऑनलाइन करना होगा आवेदन बिजली की उपलब्धता से फसल सिंचाई की लागत में आयी कमी फोटो 9 जलालपुर स्थित नलकूप न्यूमेरिक 10 से 15 कार्यदिवस के भीतर मिल...

छपरा, नगर प्रतिनिधि। जिले के किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन को लेकर कंपनी के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इसके लिए किसान कृषि कनेक्शन के लिए सुविधा एप पर आवेदन कर सकते हैं। सुविधा एप, विभागीय वेबसाइट व किसी नजदीकी विद्युत कंपनी के कार्यालय के माध्यम से भी आवेदन जमा कर कृषि कार्य के लिए बिजली ले सकते हैं। सारण के किसानों को सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लेना और भी आसान हो गया है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए सस्ती बिजली देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।मालूम हो कि मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा पटवन कार्य की दर 6.74 रुपए प्रति यूनिट निर्धारित की गई है।
राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 6.19 रुपए प्रति यूनिट की दर से अनुदान दिया जा रहा है। कृषि कनेक्शन पर राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले अनुदान के कारण किसानों को पटवन कार्य के लिए बिजली केवल 55 पैसे प्रति यूनिट पर उपलब्ध कराई जा रही है। सुविधा एप के लॉन्च करने से किसानों को बिजली संबंधी कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं। किसानों को पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड व जमीन से जुड़े कागज (खेसरा) समर्पित करना आवश्यक है।इन दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर प्रक्रिया सरल हो गई है और कई मामलों में 10 से 15 कार्यदिवस के भीतर कनेक्शन मिल जा रहा है। फसल सिंचाई की लागत में 98 फीसदी तक कमी बिजली कंपनी के एसडीओ धीरज सती ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह योजना न केवल किसानों को डीजल पंपों के महंगे और प्रदूषणकारी विकल्प से छुटकारा दिला रही है बल्कि कृषि उत्पादन और उनकी आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा दे रही है। पहले किसानों को सिंचाई के लिए डीजल आधारित पंपों पर निर्भर रहना पड़ता था। डीजल की बढ़ती कीमतें और पंपों के रखरखाव का खर्च किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती थी । इसके अलावा, डीजल पंपों से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण के लिए भी हानिकारक था लेकिन मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना और बिजली की उपलब्धता की फसल सिंचाई की लागत करीब 98 फीसदी तक कमी आयी है।यह सुविधा विशेष रूप से लघु व सीमांत किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है। प्रति यूनिट 6 रुपए 19 पैसे का अनुदान किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व उन्हें सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार इस योजना के लाभुकों को प्रति यूनिट 6 रुपए 19 पैसे का अनुदान दे रही है। किसानों को बिजली से चलने वाले मोटर पंप से सिंचाई करने की लागत घटकर मात्र 2 रुपए प्रति घंटे रह गई है, जिससे वे खुशहाल हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि बिजली से चलने वाले 2 हॉर्स पावर के मोटर पंप के संचालन के प्रति घंटे मात्र 3-4 यूनिट बिजली की खपत होती है, जो काफी किफायती है। इस योजना के लागू होने से पहले जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) आधारित मोटर पंप से फसलों की सिंचाई करने में प्रति घंटे करीब 100 रुपये तक की लागत आती थी लेकिन अब मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत कनेक्शन लेने के बाद किसानों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध हो रही है। कानूनी तरीके से कनेक्शन लेने की अपील विद्युत कंपनी ने सभी किसानों से कानूनी तरीके से कनेक्शन लेने की अपील की है। जांच के दौरान बिना कनेक्शन या अवैध रूप से बिजली का उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर आर्थिक जुर्माना लगाने की भी तैयारी है। आवश्यक होने पर प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी। राज्य सरकार की पहल पर बिजली कंपनी ने डिजिटल सेवा को सशक्त किया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग सीएससी केंद्र या मोबाइल एप की मदद से आवेदन कर सकते हैं।
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