दलित बच्ची का रेप और मौत को चिराग पासवान ने सिस्टम फेलियर बताया, नीतीश को लिखा पत्र
लोजपा-रामविलास के प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मुजफ्फरपुर में रेप के बाद पीड़िता की मौत को सिस्टम फेलियर बताया।
बिहार के मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची का बलात्कार और फिर इलाज में लापरवाही बरतने से उसकी जान चली जाने का मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है। अब केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। चिराग ने इस मामले में सिस्टम फेल होने का दावा भी किया। उन्होंने कहा कि यह मामला सामाजिक सिस्टम एवं राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी की विफलता का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस पर शासन मौन रहा, तो यह मौन ही सबसे बड़ा अपराध बन जाएगा।
चिराग पासवान ने बुधवार को यह पत्र सीएम नीतीश कुमार को भेजा है। इसकी जानकारी लोजपा-आर ने सोशल मीडिया पर दी। इस पत्र में उन्होंने लिखा, "मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में 9 साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया। यह न केवल एक मासूम जीवन की बर्बर हत्या है, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की गहन विफलता को भी उजागर करता है।"
चिराग ने कहा कि पीड़िता ने 6 दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया। मगर 1 जून को पटना के पीएमसीएच में उसने दम तोड़ दिया। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार 6 घंटे तक उसे एंबुलेंस में ही तड़पते इंतजार करवाया गया। यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि अपराध है।
चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से इस केस में 3 मांगें की हैं। पहली कि बलात्कारी को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए। दूसरी, पीएमसीएच अस्पताल के प्रशासन, डॉक्टर और स्टाफ की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। तीसरी, इलाज में जानबूझकर देरी कर अमानवीयता दिखाने वाले कर्मियों के खिलाफ केस कर तुरंत सस्पेंड किया जाए।
बता दें कि मुजफ्फरपुर रेप कांड और पीड़िता की मौत के मामले में विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है। कांग्रेस की ओर से बीते तीन दिनों से पटना में प्रदर्शन किया जा रहा है। चिराग पासवान की इस मामले में चुप्पी पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने मंगलवार को कहा था कि दलितों की राजनीति करने वाले चिराग और जीतनराम मांझी इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।