लाभार्थियों को भुगतान में दरभंगा प्रमंडल सूबे में दूसरे स्थान पर
दरभंगा प्रमंडल ने सड़क दुर्घटना में मौत के मामलों में 270 दावों का निपटारा किया है। मृतक या घायल के परिवारों को 1104 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। 678 मामले ऑनलाइन पंजीकृत हुए हैं। ट्रिब्यूनल का...

लहेरियासराय। सड़क दुर्घटना में हुई मौत के मामले में बिहार मोटर दावा न्यायाधिकरण के तहत 270 मामलों का निबटारा कर लाभार्थियों को भुगतान करवाने के मामले में दरभंगा प्रमंडल सूबे में दूसरे स्थान पर है। दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर जिले के 1690 आवेदनों में 270 का निबटारा कर 1104 लाख रुपये का भुगतान मृतक या घायल के स्वजनों को दिलाया गया है। 93 लाभुकों का 735 लाख रुपये का भुगतान प्रक्रियाधीन है। वहीं, 1690 आवेदनों में से 678 को ऑनलाइन माध्यम से रजिस्टर्ड करवाया गया है। बाकी बचे 1012 मामले सिविल कोर्ट से ट्रिब्यूनल कोर्ट में ट्रांसफर किये गये थे। इसमें सबसे अधिक 690 मामले समस्तीपुर इसके बाद 224 दरभंगा व 64 मामले मधुबनी जिले के हैं।
बता दें कि सड़क पर वाहन दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के आश्रितों व घायलों के लिए मुआवजे की राशि तय करने के लिए राज्य में ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है। इसकी नियमावली जनवरी 2024 में ही तैयार कर ली गयी थी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसकी नियमावली पर दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का समय दिया गया था। इसके बाद फरवरी में इसे लागू कर दिया गया था। पिछले दिनों बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवा शर्त) नियमावली, 2023 की अधिसूचना परिवहन विभाग ने जारी कर दी थी। दरभंगा में बिहार के पहले ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। इसके बाद किसी भी वाहन दुर्घटना में मुआवजे को लेकर ट्रिब्यून में ही आवेदन दिया जायेगा। ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में संबंधित बीमा कंपनी मुआवजे की राशि का भुगतान करती है। जिस जिले में दुर्घटना होगी, वहां के ट्रिब्यूनल में इसकी सुनवाई होगी और आदेश पारित किए जाएंगे। जानकारी और जागरूकता के अभाव के कारण सड़क दुर्घटना में हुई मौत या घायल होने वाले व्यक्ति के स्वजन बिहार मोटर दावा न्यायाधिकरण तक नहीं पहुंच पाते हैं। बिहार मोटर दावा न्यायाधिकरण में किसी भी साइबर कैफे या मोबाइल फोन से मामला रजिस्टर्ड किया जा सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। मधुबनी जिले के भैरव स्थान थाने के सरसोपाही निवासी संतोष चौधरी ने बताया कि मेरी मां की मौत गत एक फरवरी को बोलेरो की चपेट में आने से हो गई थी। गाड़ी भी पकड़ी गयी। गाड़ी के मालिक ने गाड़ी का बेल भी करवा लिया, लेकिन मेरे केस की सुनवाई आज तक नहीं हो सकी। हम लोग लगातार थाना और कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं। गत शुक्रवार को मैं कमिश्नरी प्रांगण स्थित ट्रिब्यूनल कोर्ट पहुंचा तब मामला दर्ज करने की प्रक्रिया बतायी गयी। अधिवक्ता ललन कुमार झा ने बताया कि ट्रिब्यूनल में किसी भी तरह के मामले को ऑनलाइन दर्ज किया जाता है। इसके बाद निपटारा किया जाता है।
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