महाराजी पुल के टेढ़े डायवर्सन को किया दुरुस्त, लोगों में खुशी
दरभंगा के वार्ड नंबर आठ में बागमती नदी पर बने महाराजी पुल के टेढ़े डायवर्सन को सीधा कर दिया गया है। इससे स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है और उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ अखबार का आभार व्यक्त किया है। अब...

दरभंगा। शहर के वार्ड नंबर आठ स्थित बागमती नदी पर नवनिर्मित महाराजी पुल के टेढ़े डायवर्सन को सीधा कर दिया गया है। साथ ही पुल का रंग-रोगन कर अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। इससे स्थानीय लोगों में हर्ष है। लोगों में अब उम्मीद जग गई है कि इसका उद्घाटन जल्द होगा। स्थानीय लोग इसके लिए ‘हिन्दुस्तान के प्रति आभार जता रहे हैं। बता दें कि आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के गत छह मई के अंक में ‘बोले दरभंगा पेज पर महाराजी पुल के पास बने डायवर्सन के टेढ़े-मेढ़े रहने से लोगों को होने वाली परेशानी से संबंधित खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गयी थी।
विभागीय अधिकारियों ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए डायवर्सन की मरम्मत करायी। ड्योढ़ी मोहल्ला निवासी मिथिलेश झा, कैलाश नाथ झा, राजकुमार पासवान, विनोद राय, मोती मंडल आदि बताते हैं कि ‘हिन्दुस्तान अखबार में खबर प्रकाशित होने पर व्यापक असर हुआ। खबर छपने के बाद निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने अगले ही दिन पुल के डायवर्सन का निरीक्षण किया। इसके बाद आनन-फानन में इसे दुरुस्त करने काम शुरू हुआ। लोगों ने कहा कि अब पुल का डायवर्सन ठीक हो जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। गलत तरीके से डायवर्सन बनाने की थी शिकायत: स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि महाराजी पुल के पास डायवर्सन का निर्माण कार्य संवेदक ने रात के अंधेरे में किया था। सुबह जब मोहल्ले के लोगों ने निर्माण को देखा तो चौंक गए। आक्रोशित मोहल्लावासियों ने आगे के कार्य को रोक दिया और मुंशी से इंजीनियर को बुलाने की मांग की। अधूरे व टेढ़े-मेढ़े डायवर्सन के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही थी। इसके चलते इस्कॉन मंदिर के श्रद्धालुओं सहित हजारों लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही थी। बेवजह वाहन सवारों को डेढ़ किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा था। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने आरसीसी पुल का कराया निर्माण बागमती या अधवारा समूह की नदी पर दरभंगा महाराज ने वर्ष 1949 में स्क्रू पाइल पुल बनाया था जो समय के साथ जर्जर व क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद बिहार सरकार ने इसका नवनिर्माण कराने का निर्णय लिया। इसके बाद सूबे में पहली बार बिहार सरकार के नगर विकास व आवास विभाग ने करोड़ों की लागत से 65.45 मीटर लंबे व 8.45 मीटर चौड़े आरसीसी पुल का निर्माण कराने का निर्णय लिया। इसके बाद बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से नए आरसीसी पुल का निर्माण कराया गया। इस पुल का लोकार्पण अब तक नहीं हो पाया है। हालांकि विभागीय स्तर पर जल्द लोकार्पण की तैयारी चल रही है।
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