डीएमसीएच : पांच सौ प्रसूताओं को नहीं मिली जबासु की राशि
डीएमसीएच में प्रसूताओं को जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि तीन महीने से नहीं मिली है। लाभार्थी बार-बार अपने बैंक खाते चेक कर रहे हैं, लेकिन राशि का ट्रांसफर नहीं हुआ है। सरकार गरीब परिवारों को 1600 रुपए...

डीएमसीएच में करीब तीन महीने से प्रसूताओं को जननी बाल सुरक्षा (जबासु) योजना की राशि नहीं मिली है। लाभार्थी राशि आने की उम्मीद में बार-बार अपने बैंक खाते को चेक करते हैं। खाते में राशि के ट्रांसफर नहीं होने की जानकारी मिलने पर वे मायूस हो जाती हैं। ये सोचकर कि योजना की राशि उन्हें मिल जाती तो वे उनके अलावा उनके नवजात के पोषण में काम आ जाती। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने एवं मातृ- शिशु दर में कमी लाने के मकसद से गरीब और लाचार परिवारों को सरकार की ओर से 1600 रुपए दिए जाते हैं। सूत्रों के अनुसार एक मार्च के बाद से ही लाभार्थियों का भुगतान लंबित है।
भुगतान लंबित रहने से पांच सौ से अधिक लाभार्थियों को राशि खाते में ट्रांसफर होने का बेसब्री से इंतजार है। कुछ प्रसूताओं के पति तो राशि के लिए कई बार डीएमसीएच का चक्कर भी लगा चुके हैं। सोनकी के कुंदन कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी नीतू देवी ने दो फरवरी को मातृ-शिशु अस्पताल में नवजात को जन्म दिया था। जन्म के बाद जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि के लिए आवेदन के साथ सभी कागजात जमा कर दिये गए हैं। बावजूद इसके अभी तक खाते में राशि नहीं आई है। मधुबनी जिल के नवादा निवासी विश्वनाथ ठाकुर ने बताया कि उनकी पत्नी चांदनी कुमारी ने डीएमसीएच में छह मार्च को नवजात को जन्म दिया था। सात मार्च को राशि के लिए सभी कागजात जमा भी कर दिए गए थे। कई बार बैंक खाता चेक कर चुके हैं। अभी तक राशि ट्रांसफर नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। राशि मिल जाती तो जच्चा-बच्चा के पौष्टिक खान-पान का इंतजाम हो जाता। इधर, पनसीहा की भवानी कुमारी के पति ने बताया कि उनकी पत्नी ने मार्च में ही नवजात को जन्म दिया था। जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि अभी तक खाते में नहीं आई है। बयान जननी बाल सुरक्षा योजना के खाते में मार्च से ही राशि नहीं है। इस सिलसिले में विभाग को लिखा गया है। राशि उपलब्ध कराने के लिए पुन: लिखा जाएगा। खाते में राशि आते ही सभी का लंबित भुगतान कर दिया जाएगा। -डॉ. सुरेंद्र कुमार , उपाधीक्षक, डीएमसीएच
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