Dr Pushpa Pandey Inspires with Rajyog Meditation at Darbhanga Gynecological Society Event मुसीबत आने से पहले पहचान कर करें इलाज, Darbhanga Hindi News - Hindustan
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मुसीबत आने से पहले पहचान कर करें इलाज

दरभंगा में आयोजित दरभंगा ऑब्स एवं गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी के समारोह में डॉ. पुष्पा पांडे ने राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से जीवन में कठिनाइयों से बाहर निकलने की प्रेरणा दी। डॉ. ओम प्रकाश ने प्रसूति रोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाMon, 28 April 2025 02:40 AM
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मुसीबत आने से पहले पहचान कर करें इलाज

दरभंगा। दरभंगा ऑब्स एवं गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी के सल्विर जुबली समारोह के दूसरे दिन रविवार को जबलपुर से आईं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पा पांडे ने राजयोग मेडिटेशन से जीवन की कठिनाइयों से बाहर आने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि कभी छोटे लक्ष्य मत रखो। जितना बड़ा लक्ष्य रखोगे, तुम्हें उतनी ही ज्यादा कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। हिंदी में व्याख्यान देते हुए डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि प्रसूति रोग विशेषज्ञ वो पहले हाथ है जिसमें हर नए जीवन को आना है और वे उनकी जीवन की अंतिम आशा हैं। उन पर गंभीर जम्मिेदारी है कि किसी मुसीबत को आने के पहले पहचान कर सही समय पर उचित इलाज करें, चाहे वह गर्भावस्था से पहले हो, गर्भावस्था में हो, प्रसव के दौरान हो या नवजात के जन्म लेने के बाद हो। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था से जिंदगी के 22वें सप्ताह के बाद से और जन्म के पहले हफ्ता तक को पेरीनिटोलॉजी में कवर किया जाता है।

उन्होंने कहा कि सभी प्रसूति रोग विशेषज्ञों को इस समय होने वाली बीमारियों की पहचान और निदान को सीखना चाहिए। उन्हें गर्भ के शिशु के दिल की धड़कनों को पहचानना, प्रसूता की इक्लेम्सिया या अन्य बीमारियों को समय पर उचित इलाज कराना, बच्चों को सांस लेने में होने वाली दक्कित को नवजात पुनर्जीवन प्रक्रिया से पुनर्जीवित करना शामिल है। चर्चा की शुरुआत डॉ. माया शंकर ठाकुर ने विलुप्त हो रहे क्लीनिकल स्किल पर दुख व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कुछ औजारों के प्रयोग से नॉर्मल डिलीवरी को आसान बनाने पर चर्चा की। इस संदर्भ में उन्होंने फारसेप्स और वेनट्यूज की इस्तेमाल पर वस्तिार से चर्चा की।

स्त्री के जननांगों से संबंधित विभन्नि बीमारियों पर गंभीर चर्चा में डॉ. रूही यासमीन, डॉ. पूजा महासेठ, डॉ. मधुमिता, डॉ. मनीषा, डॉ. हिमांशी , डॉ. पूनम सिंह, डॉ. शशि प्रभा, डॉ. अंकुर राय एवं डॉ. बबीता सिंह, डॉ. अरुणाचल झा प्रमुख थी। विभन्नि सत्रों में समय पूर्व कौशर्या अवस्था और गर्भावस्था के दौरान खून की कमी, जिसमें थैलीसिमिया का पाया जाना, गर्भावस्था में टीकाकरण, सिजेरियन से प्रसव इत्यादि विषयों पर गंभीर चर्चा हुई। दोनों कक्षों में चल रहे सेशन्स में दरभंगा के सभी वरीय स्त्री रोग विशेषज्ञों ने चेयरमैन का कार्य किया।

वैज्ञानिक सत्र ऑडिटोरियम और न्यू लेक्चर थिएटर में साथ-साथ आयोजित किये गए जिसमें 40 से अधिक व्याख्यान और एक पैनल डस्किशन हुआ। पैनल डस्किशन में स्त्री कैंसर को गंभीर रोग में बदलने से रोकने के लिए स्क्रीनिंग को प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई। डॉ. सरिता श्याम सुन्दर और डॉ. लीना नैयर ने मॉडरेटर की भूमिका की।

पैनल में भाग लेने वालों में प्रमुख डॉ. प्रियंका सर्राफ, डॉ. शशि प्रभा, धनबाद से आईं डॉ. नेहा, डॉ. मोनालिसा, डॉ. शल्पिी नारायण, डॉ. कुमारी शल्पिा, डॉ. बबिता, डॉ. शारिक बेदा और डॉ. निशा थीं।

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