विश्वविद्यालय पुस्तकालय अति समृद्ध : डॉ भट्टाचार्य
कोलकाता विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्य ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय और राज पुस्तकालय का भ्रमण किया। उन्होंने पुस्तकालयों की अध्ययन...

दरभंगा। कोलकाता विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष सह संकायाध्यक्ष डॉ. रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्य ने ललित नारायण मिथिला विवि के केंद्रीय पुस्तकालय एवं राज पुस्तकालय का शैक्षणिक भ्रमण शुक्रवार को किया। प्रो. भट्टाचार्य ने इन दोनों पुस्तकालयों की अध्ययन सामग्री और विरल, प्राचीन व समृद्ध पुस्तकों के संग्रह की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने केंद्रीय पुस्तकालय में ब्रेल एवं ई-लाइब्रेरी और वहां पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को देख आह्लादित होकर मिथिला की अतिप्राचीन विद्वत परम्परा का वर्णन किया। प्रो. भट्टाचार्य के साथ विश्वविद्यालय पुस्तकालय प्रभारी प्रो. दमन कुमार झा भी मौजूद थे। शैक्षणिक भ्रमण के अगले पड़ाव महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह के सामाजिक विज्ञान संस्थान एवं शोध पुस्तकालय का भी उन्होंने जायजा लिया।
निदेशक प्रो. झा ने उन्हें पुस्तकालय संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय में दान स्वरूप प्राप्त डब्ल्यूई ग्लैडस्टोन की प्रसिद्ध निजी लाइब्रेरी सहित बहुमूल्य संग्रह भी शामिल हैं। राज पुस्तकालय में मुख्य रूप से अंग्रेजी और संस्कृत भाषा की ढेरों पुस्तकें हैं जो हैंसर्ड पार्लियामेंट्री डिबेट (1066-1984), दुनिया के पक्षियों, सांपों की प्रजातियों और जानवरों की अनेकों प्रजातियों के चित्रित-आर्ट एलबम, जर्नल, जीवनी, इतिहास, भूगोल, पुरातत्व, इंडोलॉजी, यात्रा और स्थलाकृति पर आधारित हैं। उन्होंने विभिन्न श्रोतों से प्राप्त पुस्तकों के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी। इस ज्ञान यात्रा में डॉ शंकर कुमार, शत्रुघ्न कुमार एवं सदानंद विश्वास का सान्निध्य सराहनीय रहा।
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