पहली बार भारत और नेपाल के शिक्षक आए एक मंच पर
दरभंगा में भारत और नेपाल के शिक्षकों के सम्मान में पहली बार 'भारत नेपाल इंटरनेशनल एजुकेशन बिल्डर अवार्ड समारोह' आयोजित हुआ। कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने शिक्षकों की जिम्मेदारी पर जोर दिया।...

दरभंगा। द वे एवं माई ऐडमिशन लीड के संयुक्त तत्वाधान में पहली बार भारत और नेपाल के शिक्षकों के सम्मान में भारत नेपाल इंटरनेशनल एजुकेशन बिल्डर अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। उद्घाटन करते हुए केएसडीएसयू के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर भी है। विशिष्ट अतिथि डॉ. सीवी रमण यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. मुरारी लाल गौड़ ने कहा कि शिक्षकों पर इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को निखारने की अधिक जिम्मेदारी है। लनामिवि के पूर्व कुलसचिव सह आईबीएम बेला के निदेशक प्रो. अजीत कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया की विसंगतियों को शिक्षा के माध्यम से दूर करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है।
नेपाल के जनकपुर से पहुंचे कार्यक्रम के ज्यूरी मेंबर प्रो. सुरेंद्र लाभ कर्ण व डॉ. प्रेम मोहन मिश्रा ने भी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के सह आयोजन माय ऐडमिशन लीड के संस्थापक ई. सजल यादव ने कहा कि शिक्षकों पर जिम्मेवारी है कि छात्रों में स्किल और प्रेजेंटेशन की जो कमी है उसे दूर करने में सहयोग करें। आयोजक द वे के आशीष सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत और नेपाल के शिक्षकों को एक मंच पर लाकर आधुनिक व तकनिकी शिक्षा का प्रसार करना है। इस मौके पर भारत और नेपाल के लगभग पांच दर्जन शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान ओडिसी नृत्यक सोमा मंडल ने भव्य नृत्य प्रस्तुत की। मौके पर वित्तीय सलाहकार आशुतोष द्विवेदी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सागर सिंह ने किया। मौके पर अतिथियों सहित आगंतुकों को हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए का संदेश देते हुए पेड़ के बीज वितरण किय गये।
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