सड़क जाम, जलजमाव और पेयजल की किल्लत से अललपट्टीवासी बेहाल
अललपट्टी मोहल्ले में लोग जाम और पेयजल संकट से परेशान हैं। मुख्य सड़क के किनारे अतिक्रमण और नालों के जाम ने समस्या को बढ़ा दिया है। स्थानीय निवासी नगर निगम पर बुनियादी सुविधाओं के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे...
शहर के अललपट्टी मोहल्ले में रेलम-रेला का माहौल है। लोग अललपट्टी चौक से 24 नंबर रेलवे गुमटी जाने वाली सड़क के जाम रहने से त्रस्त हैं। लोगों का कहना है कि खस्ताहाल मुख्य सड़क के दोनों किनारे अतिक्रमित हैं। ऊपर से सड़क के बगल में बने नाले जाम हैं। टूटे स्लैब से दिनभर पानी रिसता है। आमने-सामने दो बड़े वाहनों के आने या रेलवे गुमटी बंद होने पर संकीर्ण सड़क जाम हो जाती है। मोहल्लेवासी बताते हैं कि तीखी धूप में लोग बिलबिला उठते हैं। जाम इस कदर रहता है कि घरों से निकलकर बमुश्किल लोग अललपट्टी चौक तक पहुंचते हैं।
लोग मोहल्ले की गलियों के गंदे रहने, नल-जल पाइप नहीं बिछने, जलजमाव, गर्मी में पेयजल की किल्लत आदि का दर्द भी सुनाते हैं। साथ ही स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण से दिनभर धूल-गर्द उड़ रही है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के लिए नगर निगम को जिम्मेदार बताते हैं। राजेंद्र यादव, संजय कुमार, रोहित कुमार, अमन कुमार, मदन साह, सचिन ठाकुर,पंकज कुमार, शंकर महतो, रामबाबू साह, राजीव पासवान, शांति देवी, वीणा देवी, सीमा देवी आदि बताते हैं कि करीब छह महीने से नालों की सफाई नहीं हुई है। अललपट्टी रेलवे गुमटी के पास बना कल्वर्ट ध्वस्त है और पानी की निकासी नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि गाद-गंदे पानी से नाले लबालब भरे हैं। रोज सुबह लोगों के नित्य कर्म शुरू करते ही नाले से पानी सड़क पर बहने लगता है। इसके बावजूद निगम कर्मी इसकी सफाई नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में साफ-सफाई का भी अभाव है। सड़कों पर रोजाना झाड़ू नहीं लगता है और न ही सफाई कर्मी कचरे का उठाव करते हैं। उन्होंने बताया कि बस निगम का टीपर वाहन मुख्य सड़क से गुजरकर लौट जाता है। इसके चलते गलियों में गंदी फैली है। उन्होंने चूना-ब्लीचिंग का छिड़काव नहीं होने के चलते बीमारी फैलने की भी आशंका जताई।
पेयजल संकट पर नहीं आता वाटर टैंकर
अललपट्टी मोहल्ला दरभंगा नगर निगम के वार्ड 27 का हिस्सा है। यहां डॉक्टरों व निजी क्लिनिकों का जाल बिछा है। पूर्व पार्षद रंजीत कुमार उर्फ भुल्लू यादव आरोप लगाते हैं कि पिछले ढाई साल से वार्ड में विकास कार्य ठप है। उन्होंने बताया कि वार्ड के अललपट्टी, गंगासागर आदि भागों में पेयजल किल्लत है। इसके बावजूद वाटर टैंकर की सप्लाई नहीं हो रही है। गरीब लोग सबमर्सिबल वाले पड़ोसी या निजी क्लिनिक से रोज मांगकर पानी लाते हैं। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले पीडब्ल्यूडी ने नल-जल का आधा-अधूरा कार्य किया है। गलियों में पाइप तक नहीं बिछी है। साथ ही लीकेज की समस्या भी है। इस वजह से जगह-जगह दिनभर हजारों लीटर पानी बहकर बर्बाद होता है। मुहल्ले में आधा दर्जन से ऊपर लीकेज है। इसकी शिकायत कई बार पीएचईडी के अधिकारियों सेकी गई है, पर कोई पहल नहीं हो रही है। इससे घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है और लोग बेहाल बने हैं। उन्होंने पेयजलापूर्ति की व्यवस्था पर सवाल उठाया। बताया कि फरवरी महीने में दो सबमर्सिबल गाड़े गए हैं, जो अब तक चालू नहीं हुए हैं। इसके कारण सैकड़ों लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है।
-बोले जिम्मेदार-
अललपट्टी के चंहुमुखी विकास का प्रयास हो रहा है। एक सबमर्सिबल चालू है और दूसरा मीटर लगते ही चालू हो जाएगा। सड़क-नाले का प्रपोजल दिया है। आधिकारिक स्वीकृति मिलने पर निर्माण होगा। सफाई में कोई दिक्कत नहीं है। -गंगा मंडल, पार्षद, वार्ड 27 सह निगम की सशक्त स्थायी समिति के सदस्य शहर के अन्य इलाकों की तरह अललपट्टी में भी समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है। अगर वहां नाले का स्लैब टूट गया है तो उसकी मरम्मत करायी जाएगी। मोहल्ले में नियमित रूप से साफ-सफाई का काम कराया जा रहा है।
- रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर
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