फेकला के लोगों को पेयजल, बैंकिंग और स्वास्थ्य सुविधाओं का है इंतजार
दरभंगा के फेकला मोहल्ला में लोग जलजमाव, पेयजल किल्लत, और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बरसात में यह इलाका झील बन जाता है, और यहां कोई बैंक या एटीएम भी नहीं है। स्थानीय...
दरभंगा प्रशासनिक मुख्यालय से छह किलोमीटर की दूरी पर मौजूद फेकला मोहल्ला बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। लोग जलजमाव, पेयजल किल्लत, प्राथमिक उपचार, बैंकिंग व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालय के अभाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। लोगों की मानें तो बरसात में फेकला मोहल्ला झील बन जाता है। नाले के अभाव से बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती है। इस वजह से तीन माह फेकला जलजमाव ग्रसित रहता है। लोगों ने बताया कि इसे दूर करने की बात होती है, पर अब तक पहल नहीं हुई है। इसका खामियाजा फेकला मोहल्लावासी भुगत रहे हैं। स्थानीय विजय पासवान बताते हैं कि पुराने समय से जिले के पूर्वी हिस्से का फेकला चौक सेंटर है। रोजाना फेकला मोहल्ले में 60-70 हजार लोग आवाजाही करते हैं। मोहल्ले वासियों के साथ इन्हें भी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्सोंने कहा कि सड़क ठीकठाक है, पर नाला नहीं होने से दिक्कत होती है। लोग घरों का गंदा पानी सड़क पर बहाते हैं। गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत हो जाती है। वहीं, बरसात में घुटनेभर पानी जमा हो जाता है। इससे मोहल्लावासियों के साथ राहगीरों की परेशानी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में लिंक नाला बनाकर कमला नहर से जोड़ने की जरूरत है। इससे जलजमाव की समस्या खत्म हो जाएगी।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बेकार, एटीएम भी मौजूद नहीं : शहरी क्षेत्र से सटे दरभंगा नगर निगम के आयोजना क्षेत्र का हिस्सा फेकला मोहल्ला कस्बे की तरह विकसित है। मो. रिजवान बताते हैं कि फेकला में विकास कार्य ठप है। कब्रिस्तान की घेराबंदी तक नहीं हो पा रही है। फेकला चौक बाजार बन चुका है। इसके बावजूद बैंकिंग व्यवस्था या एटीएम तक मौजूद नहीं है। सड़क हादसा या बीमारी की स्थिति में लोगों को डीएमसीएच जाना पड़ता है। यहां मौजूद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बेकार है। डॉक्टर आते नहीं हैं। इसके चलते यहां तैनात दो-तीन एएनएम हाजिरी बनाकर चली जाती हैं। इस वजह से सेंटर अक्सर बंद रहता है। उन्होंने बताया कि 2008 से पहले यहां मौजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र में ऑपरेशन तक की व्यवस्था थी। उससे सबसे अधिक लाभ क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को मिलता था, पर अब उसे समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यही हाल यहां मौजूद प्रखंड पशु अस्पताल का है। यहां मात्र एक डॉक्टर तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि कर्मियों की कमी से पशुपालकों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं पिंकू पासवान, सुरेंद्र सहनी, पप्पू पासवान, संजीत ठाकुर, रामाशीष मंडल, महेश झा आदि फेकला में बैंकिंग व्यवस्था नहीं होने की परेशानी सुनाते हैं। बताते हैं कि जैसे बीमारी में लोगों को डीएमसीएच जाना पड़ता है, वैसे ही पैसे की निकासी-जमा करने के लिए लोग लहेरियासराय या आनंदपुर चौक की दौड़ लगाते हैं। क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि बढ़ी है, पर बैंक या एटीएम नहीं होने से दिक्कत हो रही है। साथ ही चारों तरफ से आने वाले लोगों को सार्वजनिक शौचालय, पेयजल, यात्री शेड आदि नहीं होने से दिक्कत होती है।
-बोले जिम्मेदार-
फेकला में सड़कें बहुत अच्छी बन गयी हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नया भवन बन रहा है। बैंक और एटीएम की सुविधा के लिए जिला मुख्यालय काफी पास है। फिर भी यहां के लोग अगर कोई शिकायत करते हैं तो उनकी समस्या को दूर करने की दिशा में पहल करेंगे।
- मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री सह विधायक
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