डीएमसीएच में वेंटीलेटर दो दर्जन से अधिक, टेक्नीशियन मात्र एक
दरभंगा के डीएमसीएच में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 20 से अधिक वेंटीलेटर हैं, लेकिन केवल एक ही वेंटीलेटर टेक्नीशियन है। टेक्नीशियन की ड्यूटी खत्म होने के बाद मरीजों को वेंटीलेटर पर रखने में परेशानी...

दरभंगा। डीएमसीएच में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए दो दर्जन से अधिक वेंटीलेटर हैं। परेशानी यह है कि वेंटीलेटर के संचालन के लिए अस्पताल में मात्र एक ही वेंटीलेटर टेक्नीशियन है। टेक्नीशियन की ड्यूटी समाप्त होने के बाद वेंटीलेटर का संचालन करने के लिए निजी टेक्नीशियन की मदद लेनी पड़ती है। मेडिसिन आईसीयू में जब यह हाल है तो इस स्थिति में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इनडोर की शुरुआत कैसे होगी, इसका जवाब देना शायद अस्पताल प्रशासन के लिए मुश्किल होगा। सूत्रों के अनुसार डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीयू में गंभीर मरीजों के लिए दो वेंटीलेटर बेड हैं। वहां तैनात टेक्नीशियन की ड्यूटी सुबह से लेकर शाम चार बजे तक लगती है। टेक्नीशियन के जाने के बाद विभागीय प्रशासन को अक्सर परेशानी झेलनी पड़ती है। अचानक मरीज को वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत पड़ जाती है तो वहां अफरातफरी मच जाती है। काफी मिन्नतें कर टेक्नीशियन को बुलाना पड़ता है। वे अगर उपलब्ध नहीं हो सके तो निजी टेक्नीशियन के हाथ-पांव जोड़ने पड़ते हैं। विशिष्ट सूत्रों के अनुसार टेक्नीशियन की बहाली के लिए विभागाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन को कई पत्र लिख चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर न्यू सर्जिकल बिल्डिंग में सर्जरी आईसीयू में करीब दो दर्जन वेंटीलेटर बेड तो उपलब्ध हैं, लेकिन वेंटीलेटर के संचालन के लिए टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं है। ट्रॉमा सेंटर में भी यही हाल है। जरूरत पड़ने पर यहां भी निजी टेक्नीशियन की सेवा लेनी पड़ती है। बता दें कि विशेषज्ञ टेक्निकल स्टाफ की कमी के कारण एक ओर डीएमसीएच में अधिकांश वेंटीलेटर निष्क्रिय हैं, वहीं दूसरी ओर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटरों में बेशकीमती मशीनें धूल फांक रही हैं।
उद्घाटन के महीनों बाद भी उपकरणों के संचालन के लिए बहाली नहीं होने से मरीज इनडोर सुविधा से वंचित हैं। वहां केवल विभिन्न विभागों में ओपीडी का संचालन हो रहा है। गंभीर मरीजों के लिए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल फिलहाल रेफरल सेंटर बना हुआ है।
टेक्नीशियन की कमी के कारण परेशानी हो रही है। आउटसोर्सिंग पर टेक्नीशियन की सेवा लेने के लिए जेम पोर्टल पर प्रक्रिया की गई है। विभाग के निर्देश के अनुसार आगे की करवाई की जाएगी।
- डॉ. सुरेंद्र कुमार, उपाधीक्षक
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