गयाजी के विश्वप्रसिद्ध सूर्यकुंड में मछलियों पर गर्मी का कहर, तड़प-तड़प कर हो रहीं मौत की शिकार
सोमवार की सुबह सूर्यकुंड में सैकड़ों मरीं मछलियां पानी के ऊपर दिखीं। जिंदा मछलियां भी पानी के अंदर रहने की जगह ऊपर तैरती मिलीं।

बिहार के विश्वप्रसिद्ध विष्णुपद इलाके के प्राचीन सूर्यकुंड की मछलियां मर रहीं हैं। दो-तीन दिनों में धार्मिक महत्व वाले इस तालाब की हजारों मछलियां मर चुकी हैं। भीषण गर्मी और गंदा पानी के कारण मछलियों के मरने का सिलसिला सोमवार को जारी रही। सोमवार की सुबह सूर्यकुंड में सैकड़ों मरीं मछलियां पानी के ऊपर दिखीं। जिंदा मछलियां भी पानी के अंदर रहने की जगह ऊपर तैरती मिलीं। जिंदा मछलियों की स्थिति भी अच्छी नहीं लग रही है।
नगर निगम के सफाईकर्मी मरीं मछलियों को पानी से निकाल रहे हैं। अब मरीं मछलियों की दुर्गंध फैल रही हैं। मछलियों की मरने की ओर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है। मरने का सिलसिला नहीं थमा तो अगले दो-तीन दिनों में प्राचीन सूर्यकुंड मछली विहीन हो जाएगा।
गर्मी और गंदगी कारण मछलियों की हो रही मौत
सूर्यकुंड के प्रवेश द्वार व सूर्यमंदिर के सामने फूल-माला बेचने वाले संजय कुमार मालाकार ने बताया कि दो-तीन दिनों से मछलियां मर रही हैं। सोमवार को सबसे ज्यादा मछलियां मरीं हैं। लगातार भीषण गर्मी पड़ रही है। इधर,तालाब का पानी भी गंदा हो गया। गर्मी से ज्यादा पानी में दिक्कत होने के कारण मछलियों की मौत हो रही है। बताया कि गर्मी के कारण पिछले साल भी मछलियां मरीं। लेकिन,इस साल और खासकर सोमवार को सबसे ज्यादा मछलियों की मौत हुई है। मरीं मछलियां व गंदा पानी के दुर्गंध से परेशानी हो रही है। संजय मालाकार ने बताया कि पानी इतना गंदा है कि याचमान तो दूर, छूना भी मुश्किल है। सोमवार की सुबह सूर्यकुंड में बैठे छोटू गुर्दा ने बताया कि इधर चार-पांच दिनों में तालाब का पानी गंदा हो गया। देखने में विषैला लग रहा है। पानी का खराब होना व गर्मी के वजह से मछलियों की मौत हो रही हैं।
हर दिन 15 से 20 बाल्टी निकाल रहे मरीं मछलियां
सूर्यकुंड में सोमवार की सुबह मरीं हुईं मछलियां निकाल रहे नगर निगम के सफाईकर्मी सिकंदर ने बताया कि तीन दिनों से मरीं मछलियां निकाल रहे हैं। प्रतिदिन करीब 15 से 20 बाल्टी निकाल रहे हैं। तालाब के बीच में जाकर निकालना मुश्किल है। सफाईकर्मी सविता ने बताया कि रविवार को करीब 20 बाल्टी मरीं मछलियां निकलीं। सोमवार को ज्यादा मरीं है।
पिंडदान के लिए भी महत्वपूर्ण है सूर्यकुंड
विष्णुपद इलाके के देघवाट जाने वाले रास्ते में स्थित है धार्मिक महत्ता वाले सूर्यकुंड। तालाब के पास स्थित प्राचीन सूर्यमंदिर है। धार्मिक महत्व वाले इस तालाब में छठ व्रत, सूर्योपासना के अन्य व्रत सहित सालों भर रविवार व्रत करने वालों की भीड़ होती है। पितरों के मोक्ष दिलाने वाले कर्मकांड पिंडदान में इस तालाब की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रमुख वेदियों में सूर्यकुंड भी शामिल है। पितृपक्ष मेला के अलावा यहां सालों भर तीर्थयात्री पिंडदान करते हैं। इतने महत्वपूर्ण तालाब की स्थिति इस वक्त बेहद खराब है। जिला प्रशासन का भी ध्यान पितृपक्ष मेला या छठ को लेकर ही जाता है। बाकी के दिनों में तालाब की स्थिति भगवान भरोसे होती है।