जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं पप्पू सिंह, एक के बाद एक बूस्टर डोज दे रहे प्रशांत किशोर
दूसरे दलों के नेताओं को बुलाकर जन सुराज पार्टी को एक के बाद एक बूस्टर डोज दे रहे प्रशांत किशोर पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह और पप्पू सिंह को जन सुराज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते हैं। शाम 4 बजे घोषणा होगी।

बिहार के काफी मजबूत राजनीतिक और नौकरशाह परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्णिया के पूर्व भाजपा सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को जन सुराज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी को तीसरा राजनीतिक ध्रुव बनने की कोशिश में पूरी ताकत से जुटे प्रशांत किशोर आज (सोमवार) शाम 4 बजे जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। पार्टी बनाने से पहले प्रशांत ने कहा था कि जन सुराज पार्टी का पहला अध्यक्ष दलित होगा। 2 अक्टूबर 2024 को जब पार्टी बनी, तब मधुबनी के रहने वाले पूर्व ब्यूरोक्रेट मनोज भारती को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अब जाकर साफ हुआ है कि मनोज भारती प्रदेश अध्यक्ष हैं, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नहीं।
पप्पू सिंह और प्रशांत किशोर का रिश्ता पहले से सार्वजनिक है। पटना के जिस शेखपुरा हाउस में प्रशांत किशोर रहते हैं और जहां से जन सुराज की पदयात्रा और पार्टी का सफर शुरू हुआ, वो घर पप्पू सिंह का है। भाजपा और कांग्रेस में रह चुके पप्पू सिंह ने बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का नारा दे रहे प्रशांत किशोर को इस बंगले का एक हिस्सा इस्तेमाल के लिए यारी-दोस्ती में दिया है। पटना में बीपीएससी आंदोलन के दौरान पीके के आंदोलन के दौरान एक वैनिटी वैन की चर्चा हो गई थी जो पप्पू सिंह की है और उन्होंने प्रशांत किशोर को दे रखी है।
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वैनिटी वैन विवाद के बाद पप्पू सिंह खुद सामने आए थे और मीडिया को उसकी कीमत बताई थी। तब पप्पू सिंह ने ही खुलासा किया था कि जन सुराज पार्टी के औपचारिक गठन से पहले ही अपने लोगों के जरिए उन्होंने जन सुराज पार्टी नाम से राजनीतिक दल रजिस्टर्ड करवाई थी। तब प्रशांत किशोर पदयात्रा कर रहे थे और राजनीतिक दल नहीं बनाना चाहते थे। पदयात्रा के बाद जब पीके का मन बदला तो पप्पू सिंह ने उनको कहा कि पार्टी बनी हुई है, आज से आपके हवाले। पप्पू सिंह ने कहा था कि उन्होंने दल इसलिए रजिस्टर करवा ली थी क्योंकि जन सुराज नाम से पदयात्रा को देखते हुए उन्हें आशंका थी कि कोई दूसरा परेशान करने के लिए इस नाम से पार्टी ना बना ले।
राजनीति और नौकरशाही में पप्पू सिंह के परिवार का दबदबा
पूर्णिया के बड़े लोगों में शुमार पप्पू सिंह के परिवार का राजनीति और नौकरशाही में बहुत दबदबा है। पप्पू सिंह के पिता टीपी सिंह भारतीय सिविल सर्विस (आईएएस को पहले आईसीएस कहते थे) के बड़े अफसर थे। पप्पू सिंह की मां माधुरी सिंह पूर्णिया से दो बार कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं। पप्पू सिंह 2 भाई और 4 बहन हैं। उनके बड़े भाई एनके सिंह रिटायर्ड आईएएस हैं और जेडीयू से राज्यसभा सांसद रहे हैं। एनके सिंह अब भाजपा के साथ हैं। केंद्र सरकार ने 2017 में एनके सिंह को 15वें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया था जिसका कार्यकाल 2023 में खत्म हुआ।
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पप्पू सिंह की एक बहन श्यामा सिंह बिहार के पूर्व सीएम सत्येंद्र नारायण सिन्हा की बहू हैं। श्यामा के पति निखिल कुमार आईपीएस अफसर रहे, फिर राज्यपाल रहे। निखिल औरंगाबाद लोकसभा से सांसद रहे हैं, जहां से उनके पिता सात बार संसद गए। इस सीट से एक बार श्यामा सिंह खुद भी सांसद बनीं। श्यामा की सास किशोरी सिन्हा भी सांसद रहीं। पप्पू की दो और बहनें राधा सिंह और कृष्णा सिंह भी आईएएस अफसर रही हैं।
