बादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभ
बादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभ बादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभबादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभ

बादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभ बादल फटना जमुई के तीन परिवारों के लिए हुआ शुभ
जाने वाले थे पहलगाम, रास्ते में ही पुलिस ने रोका
आतंकवादी घटना के बाद वापस लौट रहा परिवार
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जमुई। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
तीन दिन पूर्व कश्मीर में बादल फटना जमुई के तीन परिवार के लिए शुभ साबित हुआ। अगर बादल ना फटा होता तो तीन परिवार के 12 लोग पहलगाम में आतंकी घटना के शिकार हो सकते थे। जमुई के अमित राज भगत, आशीष केसरी और दुमका के कुंदन केसरी अपने परिवार के साथ जम्मू कश्मीर के ट्रिप पर निकले थे। वैष्णो देवी में पूजा करने के उपरांत उन लोगों को गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग, अनंतनाग जैसे जगह पर घूमने का प्लान तय था। टूर पैकेज के तहत तीनों परिवार के 12 लोग पहलगाम के लिए जा रहे थे। रास्ते में बादल फटने पर लैंड स्लाइडिंग के कारण पूरा रास्ता जाम हो गया। कई वाहन लैंड स्लाइडिंग के कारण जमीनदोज हो रहा था। कई घर भी मालवा में तब्दील हो रहा था। इसी बीच जब जमुई का यह तीन परिवार वहां पहुंचा तो पुलिस ने आगे जाने से मना कर दिया। पुलिस का कहना था की रास्ता क्लियर होने के बाद आप लोग आगे जाएंगे। सभी लोग वहीं आसपास के होटल में रुक गए। इसी बीच इन लोगों को खबर मिली की 20 किलोमीटर आगे पहलगाम में आतंकी हमला हो गया है। चुन चुन कर हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। खबर जैसे ही न्यूज़ चैनलों में दिखाई दिया घर वाले व रिश्तेदार चिंतित हो गए। सब उनका हाल-चाल लेने के लिए फोन मिलना शुरू कर दिया। मोबाइल से उनकी बात हुई। तीनों परिवार में छह बड़े और 6 बच्चे शामिल थे। सभी में डर और दहशत हो गया। वहां से सारा ट्रिप को कैंसिल कर तीनों परिवार जमुई के लिए रवाना हो गए। अमित राज भगत से हिंदुस्तान की जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि अभी पठानकोट के करीब में है। जल्द जमुई पहुंच जाएंगे। उन्होंने बताया कि संजोग है कि बादल फटा और रास्ते से लौट गए। अगर बादल ना फटा होता तो पहलगाम की आतंकी घटना के शिकार भी हो सकते थे।
कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यक्रम पर होगी चर्चा
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जमुई। कार्यालय संवाददाता
अखिल भारतीय पान महासंघ की जिला इकाई के कार्यकर्ताओं की अहम बैठक जमुई-खैरा मुख्य मार्ग पर अवस्थित सरयुग बाबू गढ़ के प्रशाल में 24 अप्रैल को होगी। बैठक की तैयारी जारी है। जिलाध्यक्ष शंभू तांती (पान) ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. आई. पी. गुप्ता बैठक में हिस्सा लेंगे और समर्थकों को ऊर्जान्वित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि निर्धारित बैठक में बीते 13 अप्रैल को पटना स्थित गांधी मैदान में महासंघ की संपन्न हुई विशाल रैली की चर्चा की जाएगी और कार्यकर्ताओं को साधुवाद दिया जाएगा। मौके पर महासंघ की नीति एवं कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी और यथोचित निर्णय लिए जाएंगे।
उधर पटना में विशाल रैली के सफल आयोजन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. आई. पी. गुप्ता पहली बार अपने गृह जिला पधार रहे हैं। समर्थकों ने उनके आगमन को लेकर तैयारी तेज कर दी है। ई. गुप्ता का स्वागत चकाई से आरंभ होगा। सोनो , झाझा , गिद्धौर , रतनपुर , पतौना मोड़ आदि नामित स्थानों पर भी समर्थक उनका गर्मजोशी से अभिनंदन करेंगे। ई.गुप्ता इसी क्रम में जमुई स्थित कचहरी चौक पहुंचेंगे और यहां बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे। वे यहां से जमुई शहर का परिक्रमा करते हुए सरयुग बाबू गढ़ जाएंगे और वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। श्री तांती ने लोगों से निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।
स्वस्थ मानव के लिए नौनिहालों का करें उचित पोषण : रश्मि।
सातवें पोषण पखवाड़े का हुआ समापन , नौनिहालों के विकास को लेकर हुई गहन चर्चा
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जमुई। कार्यालय संवाददाता
सातवां पोषण पखवाड़ा मंगलवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। दो सप्ताह तक चले इस अभियान में जिले भर में पोषण , स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस वर्ष का पखवाड़ा खासतौर पर बच्चों , किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य पर केंद्रित रहा। जमुई जिला अंतर्गत चकाई परियोजना के तहत माधोपुर में सातवें पोषण पखवाड़े का समारोहपूर्वक समापन किया गया। आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि रंजन ने समारोह का अग्नि ज्योति प्रज्ज्वलित कर आगाज करते हुए कहा कि स्वस्थ मानव के लिए नौनिहालों का उचित पोषण आवश्यक ही नहीं वरन अनिवार्य है। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ दो साल तक बच्चों को संतुलित आहार , टीकाकरण , स्वास्थ्य जांच , वृद्धि निगरानी आदि के जरिए स्वस्थ , सबल और कुशल बचपन की नींव डाली जा सकती है। पोषण ट्रैकर एप के जरिए नौनिहालों की वृद्धि निगरानी , कुपोषण स्तर , पूरक पोषाहार , टीकाकरण , विद्यालय पूर्व शिक्षा की सतत् निगरानी आदि पर निगाह रखी जाती है ताकि देश का भविष्य हर मामले में सबल और सक्षम हो सके। रश्मि रंजन ने स्वास्थ्यवर्धक खानपान की चर्चा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से बच्चों में मोटापा को नियंत्रित किया जा सकता है। यह मधुमेह , तनाव , हार्मोनल असंतुलन जैसे कई रोगों का जन्मदाता है। मोटे अनाज , मौसमी फल , हरी सब्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर हम बच्चों को उचित पोषण दे सकते हैं। डीपीओ ने पोषण पखवाड़ा के समापन के अवसर पर भव्य समारोह आयोजित करने के लिए चकाई परियोजना की जमकर तारीफ की। साथ ही सीडीपीओ और विभागीय कर्मियों को साधुवाद दिया।
चकाई सीडीपीओ ज्योति कुमारी ने आगत मेहमानों का गर्मजोशी से इस्तकबाल करते हुए कहा कि पोषण पखवाड़ा हमें नौनिहालों के यथोचित पोषण के लिए जागरूक करता है। उन्होंने जीवन के प्रथम 1000 दिवस को अत्यंत महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि शिशुओं का विकास मां के गर्भ के साथ दो साल तक सबसे तेजी से होता है। बच्चों के मस्तिष्क का विकास 1000 दिवस के भीतर ही 80 प्रतिशत तक हो जाता है। ज्योति कुमारी ने गर्भवती और धात्री महिलाओं के साथ नौनिहालों से पोषण पखवाड़ा का संदेश आत्मसात किए जाने का आग्रह किया।
सीडीपीओ आभा कुमारी , प्रेरणा कुमारी , सरोज हांसदा , पर्यवेक्षिका रानी कुमारी , निहारिका , वंदना , सुलोचना आदि ने भी पोषण पखवाड़ा के समापन समारोह को संबोधित किया और लोगों को स्वस्थ रहने का संदेश दिया।
उधर पोषण पखवाड़ा के दौरान विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों , स्कूलों और गांवों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में जीवन के पहले 1000 दिनों में पोषण के महत्व , एनीमिया से बचाव , साफ-सफाई और संतुलित आहार पर जानकारी दी गई। बच्चों द्वारा पोषण रैली , पोस्टर प्रतियोगिता , और पोषण वाटिका की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष "पोषण की पोटली " वितरित की गई जिसमें घरेलू पोषणयुक्त रेसिपी , किचन गार्डन और प्रसव पूर्व देखभाल की जानकारी शामिल थी। गोद भराई समारोह के ज़रिये पोषण के प्रति समाज में सकारात्मक संदेश दिया गया। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभों से भी अवगत कराया गया। इस वर्ष की एक विशेष पहल थी ऑनलाइन मॉनिटरिंग और पोषण डैशबोर्ड के माध्यम से सभी गतिविधियों की सघन निगरानी , जिससे कार्यान्वयन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की गई। पोषण पखवाड़ा 2025 सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा बल्कि यह एक जन आंदोलन बनकर उभरा। इसने लोगों को कुपोषण मुक्त जिला की दिशा में एकजुट करने के साथ स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित किया।
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