Combatting Malnutrition CWS Distributes Goats and Nets to Families in Simultala सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण।, Jamui Hindi News - Hindustan
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सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण।

सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण। सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण।सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण।

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईWed, 9 April 2025 12:27 AM
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सिमुलतला में बकरी व नेट जाल का किया वितरण।

सिमुलतला, निज संवाददाता सेंट्रल फार वल्ड सोलिरिटी हैदराबाद (सीडब्लूएस) नामक संस्थान की ओर से जमुई जिला के चकाई व झाझा लोकेशन के सिमुलतला इकाई के चयनित कुपोषित बच्चे के परिवारों के बीच बकरी व जाल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम कनौदी पंचायत के सरकार भवन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद सदस्य विभा सिंह ने कही की संसाधन विहीन किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत कर ही कुपोषण मुक्त भारत की कल्पना की जा सकती है। कार्यक्रम में उपस्थित किसानों से कहा सीडब्लूएस कुपोषण की लड़ाई बहुत ही ईमानदारी पूर्वक लड़ रहा है। आप सबी किसान इस लड़ाई में अपनी अहम भूमिका प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर कर सकते है। क्षेत्र के सियांटांड़, कारीझाल, कनौदी, सालखोडीह, जेरहीडीह आदि गांव के वैसे असहाय किसान जिनके बच्चे जानकारी के अभाव में कुपोषित थे। वैसे कमजोर किसानों के कुपोषित बच्चों पर कार्य कर उसे आसानी से मिलने वाली तिरंगा आहार और सहित अन्य पौष्टिक आहार की जानकारी के साथ उसका सेवन कराकर बच्चों को कुपोषण से बाहर किया। इस कड़ी में प्रशिक्षण, साफ - सफाई, किशोरियों में शारीरिक बदलाव और अंदरूनी रोगों की जानकारी के साथ बचाव, किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ के लिए विशेष प्रशिक्षण आदि के कार्य कर गांव के सतही लोगों के बीच धरातली कार्य कर रही है। जिला पार्षद प्रतिनिधि आलोक राज ने कहा जब अभिभावक आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो स्वाभाविक रूप से उस घर में कुपोषण नाम की चीज ही नहीं रहेगी। कम्युनिटी मोबिलाइजर संतोष झा ने बताया कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से हम आसानी से कुपोषण रूपी दानव से अपने देश को मुक्त कर लेंगे। जानकारी दिया कि सालखोडीह के तीन किसान और कनौदी के पांच किसानों के बीच कुल दो एकड़ भूमि में दो सौ किलो ओल का बीजा रोपण किया गया है। ओल की खेती की रक्षा के लिए लिए वैसे आठ किसानों के बीच नेट (जाल) का वितरण किया गया। साथ ही पंद्रह किसान जो सालखोडीह के चार, सियांटांड़ के एक, कनौदी के पांच, जेरहीडीह के तीन वैसे किसान जिसके बच्चे कुपोषण के शिकार थे। उसकी आर्थिक मजबूती के लिए सहायता स्वरूप छह से आठ माह की कुल 30 बकरियां अच्छे नस्ल की दी गई हैं।

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