एईएस व जेई रोग के संभावित खतरों से बचाव को लेकर गंभीर और चौकस रहने की जरुरत
जमुई में स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को प्रभावित करने वाले एईएस और जेई रोग के खतरों से बचाव के लिए एक बैठक आयोजित की। अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क...

जमुई। कार्यालय संवाददाता अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बच्चों को प्रभावित करने वाले एईएस व जेई रोग के संभावित खतरों से बचाव को लेकर आवश्यक तैयारी के संदर्भ में बैठक आहूत कर वंचित दिशा निर्देश दिए गए l बैठक में अपने कार्यालय प्रकोष्ठ से जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा के साथ सिविल सर्जन जमुई तथा अन्य उपस्थित थे l वे अपन मुख्य सचिव द्वारा देय निर्देशकों का आत्मसात किया l
समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रभावित करने वाले एईएस व जेई रोग के संभावित खतरों से बचाव को लेकर गंभीर और चौकस रहने की जरुरत है। इसी क्रम में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से सतर्क रहने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति में निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार रहने का निदेश दिया l आगे उन्होंने एईएस व जेई के संभावित खतरों के प्रति सतर्क व सावधान करते हुए विभिन्न स्तरों पर रोग नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए।साथ ही साथ उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में एईएस व जेई के प्रसार की आशंका बनी रहती है। ऐसे में संबंधित सभी विभाग आपसी समन्वय को बेहतर बनाते हुए पहले से ही जरूरी एहतियाती कदम उठायें। ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि रोग नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें किसी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। नगर निकाय व पंचायतों में साफ सफाई व जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। वहीं दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा एईएस व जेई नियंत्रण को लेकर किए गए इंतजाम को लेकर जिले के सभी सदर अस्पताल, पीएचसी में एईएस व जेई के मरीजों के लिये आरक्षित रखने का निदेश दिया । एईएस व जेई से निपटने के लिये जिला में पर्याप्त मात्रा में दवा सभी स्वास्थ्य संस्थानों को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। एईएस रोग संबंधी गंभीर मामले सामने आने पर उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर करने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होने की जानकारी उन्होंने दी। इसके साथ ही जानकारी देते हुए कहा कि यह रोग खासतौर पर 01 से 15 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है। कुपोषित बच्चे, वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किये रात में सो जाते हों, खाली पेट कड़ी धूप में लंबे समय तक खेलने, कच्चे व अधपके लीची का सेवन करने वाले बच्चों को ये रोग आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। बेहोशी, शरीर में चमकी, हाथ व पांव में थरथराहट, रोग ग्रस्त बच्चों का शारीरिक व मानसिक संतुलन बिगड़ना एईएस व जेई के सामान्य लक्षण हैं। इस तरह का कोई लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी अस्तपाल में जरूरी जांच व इलाज कराने की अपील उन्होंने लोगों से की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।