क्षतिग्रस्त नावों को मरम्मत करने, गैर सरकारी नावों को चिन्हित करने का निर्देश
क्षतिग्रस्त नावों को मरम्मत करने, गैर सरकारी नावों को चिन्हित करने का निर्देश क्षतिग्रस्त नावों को मरम्मत करने, गैर सरकारी नावों को चिन्हित करने का नि

कटिहार, वरीय संवाददाता डीएम मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता जिला आपदा टास्क फोर्स समिति तथा संभावित बाढ़-सुखाड़-2025 के पूर्व तैयारी से संबंधित समीक्षात्मक बैठक सोमवार को समाहरणालय एनआईसी सभागार में आयोजित की गई। जिसमें जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों के साथ बाढ़ से पूर्व तथा बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पीड़ित परिवारों को राहत व बचाव हेतु किए जा रहे तैयारियों से संबंधित विषयों पर विस्तृत समीक्षा किया गया। साथ ही जिला पदाधिकारी ने विभिन्न विभाग द्वारा किये जा रहे तैयारी यथा- वर्षा मापक यंत्रों की अद्यतन स्थिति, संकट ग्रस्त व्यक्तियों एवं समूहों की पहचान, तटबंधों की मरम्मति एवं सुरक्षा, सूचना व्यवस्था, सरकारी एवं गैर सरकारी नाव की उपलब्धता एवं क्षतिग्रस्त नाव की मरम्मति, बाढ़ प्रभावित पशु हेतु पशुचारा की उपलब्धता, अंचलवार पॉलीथीन सीट की उपलब्धता, बाढ़ आश्रय स्थल एवं चयनित राहत शिविर की स्थिति, विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ के समय सामुदायिक किचन संचालन हेतु स्थल का चयन, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप दवाई की उपलब्धता एवं स्वास्थ्य टीम का गठन, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति, लाईफ जैकेट की उपलब्धता, बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव हेतु गोताखोर की उपलब्धता तथा सभी अंचलों के नोडल पदाधिकारी नामित करते हुए प्रखंडों का आवंटन एवं जिला स्तरीय टास्क फोर्स गठन इत्यादि के अतिरिक्त अन्य विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी प्राप्त किए।
उक्त समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करते हुए नाम एवं परिवार के सदस्य का मोबाइल नंबर आदि का सूची संधारण कराने, सभी अंचलाधिकारी को अंचल अन्तर्गत क्षतिग्रस्त नावों को मरम्मति करने, गैर सरकारी नावों को चिन्हित करते हुए नाव मालिकों के साथ एग्रीमेंट करने, सभी सरकारी नावों के साथ नाविकों तथा नाव संचालन के अनुश्रवण हेतु कर्मियों को टैग करने को कहा गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऊंचे स्थल को चिन्हित करने का निदेश दिया गया ताकि बाढ़ के समय पीड़ित परिवार के लिए समुदायिक किचन का संचालन किया जा सके। इसके अलावा अंचलाधिकारी को अपने क्षेत्र अन्तर्गत निर्मित बाढ़ आश्रय स्थलों का साफ-सफाई, भवन की मरम्मति एवं बिजली, पानी आदि सुनिश्चित कराने, वहां क्षतिग्रस्त चापाकल की मरम्मति कराने का निदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त जिला पदाधिकारी द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में पशुचारा का भंडारण करने एवं बीमार पशुओं के उपचार हेतु सभी प्रकार के आवश्यक दवाई की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने, सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रखंड से पशु चिकित्सा टीम को टैग कराने का निदेश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया। सिविल सर्जन कटिहार को विगत वर्षों का आंकलन करते हुए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप मानव रक्षक आवश्यक दवाई का पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। उक्त बैठक में जिला पदाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन कटिहार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, प्रभारी पदाधिकारी जिला गोपनीय प्रशाखा, जिला योजना पदाधिकारी के साथ अन्य विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारीगण मौजूद थे तथा सभी अंचलाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी मनिहारी व बारसोई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।
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