महेशखूंट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नहीं है एमबीबीएस चिकित्सक, परेशानी
1. बोले खगड़िया:महेशखूंट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नहीं है एमबीबीएस चिकित्सक, परेशानीमहेशखूंट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नहीं है एमबीबीएस चिकित्सक, प

महेशखूंट। एक प्रतिनिधि सुदूर इलाके के लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पांच हजार की आबादी पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण कराया गया। सेंटर पर जनोपयोगी दवा की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रहने से मरीजों को बेहतर इलाज संभव नहीं हो पाता है। एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रहने से यहां गंभीर बीमारी का इलाज संभव नहीं हो रहा है। सरकार के तमाम कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य सुविधा में सुधार नहीं हो सका। महेशखूंट के पूर्व मुखिया राजेश चौरसिया ने बताया कि महेशखूट सेंटर में एक भी एमबीबीएस चिकित्सक नहीं है।
वही 24 घंटे आपातकालीन सेवा बहाल नहीं रहने के कारण मरीजों को इलाज कराने के लिए सात किलोमीटर दूर रेफरल अस्पताल गोगरी या फिर 18 किलोमीटर दूर सदर अस्पताल, खगड़िया जाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि महेशखूंट में दो-दो महत्वपूर्ण एनएच, रेलवे स्टेशन सहित लाखों आबादी के बीच अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना वर्ष 1988 में की गई, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस अस्पताल में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर का पदसथापन स्थायी रूप से अब तक नहीं किया गया है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। नहीं है एंबुलेंस की सुविधा : अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महेशखूट में एंबुलेंस नहीं रहने से प्रसव पीड़िता व सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को परेशानी हो रही है। स्थानीय समाजसेवी वासुदेव बिहारी ने बताया महेशखूंट अस्पताल दो राष्ट्रीय राजमार्ग रेलवे स्टेशन के साथ-साथ लाखों घनी आबादी के बीच है, लेकिन अस्पताल है। अस्पताल में एंबुलेंस नहीं करने के कारण सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों को ऑटो या किसी अन्य वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। एंबुलेंस नहीं रहने के कारण प्रसव पीड़ित महिला भी प्रसव कराने ऑटो से अस्पताल आती हैं। दो राष्ट्रीय राजमार्ग के पास अवस्थित है अस्पताल : अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर महेशखूंट दो राष्ट्रीय राजमार्ग वह रेलवे स्टेशन के पास रहने से वाहनों का आवागमन 24 घंटे होते रहती है। अस्पताल 24 घंटे नहीं खुली रहने के कारण आपातकालीन स्थिति में तुरंत नजदीक में इलाज की सुविधा घायलों को नहीं मिल पाती है। स्थानीय राजेन्द्र राम, पंकज केशरी, अरविन्द केशरी, दीपक सिंह, प्रमोद सिंह, भगवान सिंह, संजय केशरी आदि ने बताया विभागीय अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण अस्पताल वर्षों से बदहाल है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महेशखूंट मे 24 घंटे मरीजों के इलाज की सुविधा बहाल करने की मांग कई बार की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हेल्थ सेंटर पर 14 प्रकार की जांच का है प्रावधान : राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे मरीजों की 14 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच का आदेश दिया गया है। जिसमें यूरिन टेस्ट, मल्टी पारामीटर यूरिन डिपिटिक, ब्लड शुगर, मलेरिया, हीमोग्लोबिन, स्पूटम कलेक्शन टीबी, आयोडिन टेस्टिंग, एचआईवी, डेंगू, वाटर टेस्टिंग, हेपेटाइटिस बी, फाइलेरिया, सिफलिस और वीआईएस स्क्रीनिंग शामिल हैं। लेकिन इनमें से एचआईवी, टीबी, हीमोग्लोबिन, मलेरिया जांच, ब्लड शुगर, यूरिन टेस्ट और यूरिन डिपिटिक टेस्ट ही हो पा रहा है। बोले लोग : 1. महेशखूंट हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर में एम्बुलेंस नहीं रहने से प्रसव पीड़ित महिलाओं को परेशानी हो रही हैं। विभाग के लोगों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रवीण चौरसिया, मुखिया प्रतिनिधि, महेशखूंट। 2. हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर पर एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रहने से गंभीर मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाता है। नतीजन लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल या प्राइवेट क्लिनिक जाना पड़ता है। अरुण केशरी, समाजसेवी, महेशखूंट। 3. हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर पर गंभीर मरीज का इलाज संभव नहीं हो पा रहे हैं। यहां भगवान भरोसे मरीजों का इलाज होता है। सरकार को इस सेंटर पर एमबीबीएस डॉक्टर की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रकाश मिश्रा, कांग्रेस नेता। 4. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां के मरीजों को साधारण बीमारी का इलाज भी संभव नहीं हो पाता है। राजेश गुप्ता, स्थानीय, चैधा बन्नी। 5. सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधा बेहतर हो इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर खोला गया, लेकिन डॉक्टर की कमी से प्रसव पीड़ित महिलाओं का यहां प्रसव कराने मे परेशानी हो रही है। जो गरीब परिवार के लिए आफत बन जाती है। नरेश सिंह, पैक्स अध्यक्ष, बन्नी। 6. हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर पर एमबीबीएस डॉक्टर प्रतिनियुक्त नहीं है। एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रहने से मरीजों को प्राइवेट क्लिनिकों में जाकर इलाज करना पड़ता है। कई बार गैर अनुभवी लोगों से इलाज कराने पर मरीजों की स्थिति ओर भी ज्यादा खराब हो जाती है। बोले अधिकारी: चिकित्सक के पदस्थापन को लेकर विभाग को अवगत कराया गया है। उच्चाधिकारी स्तर से ही पदस्थापन संभव है। डॉ. चंद्रप्रकाश, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, गोगरी। फोटो: 8 कैप्शन: महेशखूंट हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भवन। 2. बोले: निर्धारित अवधि में पूरा नहीं हो पाया पिछड़ा वर्ग बालिका छात्रावास का निर्माण इस सत्र में भी पढ़ाई शुरू होने पर लगा ग्रहण 520 आसन वाले छात्र पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय छात्रावास का हो रहा है निर्माण बेलदौर, एक संवाददाता। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्लस टू पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय छात्रावास का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के अंदर पूरा नहीं हो पाया है। इससे इस छात्रावास सह प्लस टू स्कूल में इस शैक्षणिक वर्ष में भी पढ़ाई शुरू होने पर संशय उत्पन्न हो गया है। उल्लेखनीय है कि प्रखंड के पनशलवा रामनगर सड़क के मध्य में 520 आसन वाले छात्र पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू विद्यालय के निर्माण कार्य की स्वीकृति एकरारनामा 01एसबीडी/23-24 के वित्तीय वर्ष में देकर 19 जून 23 से कार्यारंभ किया गया था। निर्माण कार्य के डेढ़ वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई थी लेकिन लगभग दो वर्ष गुजरने के बाद भी इसे संबंधित विभाग को हस्तांतरित कर पाने में कार्य एजेंसी सफल नहीं हो पाई है। हालांकि कार्य एजेंसी के पीएम अशोक सिंह के मुताबिक शत प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया लेकिन जमीनी स्तर पर कार्य पूरा नहीं हो पाया है। विद्युतीकरण, प्लंबिग सहित कई कार्य पूरा नहीं हो पाया है। नवनिर्मित छात्रावास भवन में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति प्रारंभ नहीं हो पाई है। बोले विधायक: छात्रावास के बचे काम जल्द पूरा कराया जाएगा। जिससे छात्राओं को सुविधाएं मिल सके। पन्नालाल सिंह पटेल, विधायक।
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