Korachakka Village Still Lacks Road After 50 Years Residents Face Difficulties During Rainy Season 50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क, Khagaria Hindi News - Hindustan
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50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क

1. बोले खगड़िया:50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क

Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याWed, 23 April 2025 02:10 AM
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50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क

1. बोले खगड़िया: 50 वर्ष बाद भी कोरचक्का गांव की नहीं बनी सड़क

वारिश के समय दो माह कीचड़ से अपना गांव जाते हैं लोग

चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा सिर्फ दिया जाता आश्वासन

परबत्ता, एक प्रतिनिधि

प्रखंड के सौढ़ उत्तरी पंचायत के कोरचक्का गांव स्थित वार्ड 7 में 50 वर्ष बाद भी पक्की सड़क आज तक नहीं बनी है। बारिश के मौसम में तक़रीबन दो माह स्थानीय ग्रामीणों को कीचड़ होकर गुजरना नियति बनी हुई है। हालांकि पंचायत, विधानसभा व लोक सभा चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए आए नेताओं द्वारा आश्वाशन देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक किसी ने इस गांव के विकास की ओर ध्यान नहंी दिया। कोरचक्का के ग्रामीण अपने को छला महसूस कर रहे हैं। प्राप्त जकनकारी के अनुसार 1956 के दशक में गंगा के कटाव से पुरानी कोरचक्का गांव गंगा में समा गया। गांव के गंगा में सामने के उपरांत पीड़ित परिवार सड़क किनारे खेत खलिहान आदि में अपना झुग्गी-झोपड़ी बनाकर गुजर बसर करने लगे। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह आदि के प्रयास से गंगा से 1967-68 के दशक में विस्थापित अधिकांश परिवारों को बसाया गया। जो आज सौढ़ उत्तरी पंचायत के कोरचक्का के नाम से जाना जाता है, लेकिन शेष बचे लोग आज जीएन बांध के तक़रीबन पौने किलोमीटर दूर तक़रीबन 30 से 35 परिवार अपना घर मकान बनाकर रहा रहे हंै। कोरचक्का गांव के लोगों को ख़ासकर सूखा में तो कम परेशानी होती है, लेकिन बारिश के मौसम में तक़रीबन दो माह काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इधर स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो गत विधानसभा व लोकसभा चुनाव बाद कोरचक्का के लोग बहुत उम्मीद पाले थे कि केंद्र व राज्य में एनडीए की सरकार है। इस विकास से वंचित गांव कोरचक्का में विकास की रोशनी बहुत जल्द पहुंचेगी। लोगों के बीच काफी ख़ुशी थी कि बारिश के मौसम के पूर्व इस गांव की सड़क जरूर बनेगी, लेकिन ज्यों -ज्यों बारिश का मौसम करीब आ रहा है स्थानीय लोगों के बीच असंतोष देखा जा रहा है।

क्या है परेशानी : सौढ़ उत्तरी पंचायत के कोरचक्का गांव में सड़क नहीं रहने से लोगो को काफी परेशानी होती है। इस गांव में विकास के नाम पर बतौर बिजली उपलब्ध है। न तो इस गांव में सरकारी भवन है और ना ही कोई आंगनबाड़ी केंद्र ही उपलब्ध है।

मजबूरन सस्ते दरों में बेचने पड़ते हैं अनाज :

प्रखंड के सौढ़ उत्तरी पंचायत स्थित कोरचक्का गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से किसानों को सस्ते दरों में तैयार अनाज को बेचना पड़ता है। आज स्थिति यह है कि यहां के किसानों को सामान्य मूल्य से 100 रुपया काम मूल्य पर तैयार अनाज मक्का गेहूं आदि को बेचना पड़ता है। बताया जाता है कि गोगरी नारायणपुर सड़क से तकरीबन 800 मीटर दूरी पर कोरचक्का गांव अवस्थित है। गत 50 वर्षों से इस गांव का जुड़ाव मुख्य सड़क से नहीं हो सकी है। कच्ची सड़क से आना-जाना करते हैं। खासकर बारिश के मौसम में इन लोगों को मुख्य सड़क पर जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने इनकी सुध नहीं ले सकी है। प्रति वर्ष के तीन माह कीचड़ में चलना इन लोगों की नियति बनी हुई है। सड़क निर्माण नहीं होने से ये लोग अपने को छला महसूस करते हैं। हालांकि चुनावी माहौल के आते हैं विभिन्न दलों के जनप्रतिनिधि आश्वासन से इनकी पेट भर देते हैं, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही इस परिवारों की समस्या को देखने वाला कोई नहीं होता है। यह एक चुनाव की कहानी नहीं है पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक यही विडंबना बना रहता है।

बोले लोग :

1. 1956 में गंगा के कटाव से पुरानी कोरचक्का नदी में समा गया। लोग विस्थापित होकर सड़क किनारे खेत खलिहान में अपना झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने लगे।

तिवारी सिंह, ग्रामीण, कोरचक्का।

2. पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह आदि के प्रायास से विस्थापितों को पुनर्वासित किया कराया गया। इसके बाद कोई ध्यान किसी के द्वारा नहंी दिया गया।

मुन्नी सिंह, ग्रामीण, कोरचक्का।

3. जीएन बांध से कोरचक्का गांव जाने वाली सड़क के नहीं बनने से स्थानीय लोगों को ख़ासकर बारिश के मौसम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

भीखा देवी, ग्रामीण, कोरचक्का।

4. सड़क निर्माण को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि आदि का ध्यान दिलाया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सका है।

सेवक सिंह, ग्रामीण, कोरचक्का।

5. इस टोला में विकास के नाम पर बतौर बिजली मात्र उपलब्ध करायी जा सकी है, लेकिन 50 वर्ष बाद भी आज तक सड़क निर्माण शुरू नहीं हो सका है।

शीला देवी, ग्रामीण, कोरचक्का।

6. चुनाव आने के दौरान सभी जनप्रतिनिधि आश्वासन देकर अपनी पल्ला झाड़ लेते हैं, लेकिन अभी तक धरातल पर कोई परिवर्तन नहीं हो सका है।

वकील सिंह, बुजुर्ग ग्रामीण।

बोले अधिकारी :

जीएन बांध से कोरचक्का जाने वाली सड़क निर्माण को लेकर प्रस्ताव में लिया गया है।

संतोष कुमार पंडित

बीडीओ परबत्ता

फोटो : 31

कैप्शन: परबत्ता: जीएन बांध से कोरचक्का गंाव जाने वाली जर्जर कच्ची सड़क।

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