Concerns Over Declining Beneficiary Numbers in Prime Minister s Safe Maternity Scheme लाभुकों की संख्या में कमी की शिकायतत, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
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लाभुकों की संख्या में कमी की शिकायतत

लाभुकों की संख्या में कमी की शिकायत

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायSat, 12 April 2025 03:35 AM
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लाभुकों की संख्या में कमी की शिकायतत

सूर्यगढ़ा, निज प्रतिनिधि। स्थानीय सीएचसी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व, प्रसव आदि स्वास्थ्य योजनाओं में लाभुकों की संख्या में कमी होने की शिकायत की जा रही है। इसका उदाहरण पिछले 9 अप्रैल को सीएचसी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना में जांच के लिए कम संख्या में गर्भवती महिलाओं के आने को लेकर अधिकारियों के द्वारा चिंता प्रकट की गई है। जितनी गर्भवती महिलाओं को आना चाहिए ,उसकी आधी भी संख्या नहीं थी। आगामी 21 को फिर होने वाली जांच में इन महिलाओं को बुलाने का निर्देश दिया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को ऐसा निर्देश दिया गया है। दूसरी ओर लाभुकों और कई आशा कार्यकर्ताओं ने प्रतिनियुक्त चिकित्सकों स्वास्थ्य और एएनएम की कमी की कमी रहने व भीड़ में ठीक से जांच नहीं करने व अव्यवस्था रहने से परेशानी की बात की। कई चिकित्सक प्राइवेट नर्सिंग होम में भी कार्य करते हैं। इसी प्रकार जननी एवं बाल सुरक्षा योजना में प्रसूताओं की संख्या में कमी होने की शिकायत की जा रही है। एएनएम के द्वारा मनमाना राशि वसूली और महिला चिकित्सक के नहीं रहने, पुरूष चिकित्सक के बदले एएनएम के कार्य करने आदि की शिकायत की जाती है। सिर्फ आशा कार्यकर्ताओं पर ही दोष मढ़ा जाता है, जबकि इन कार्यों की जिम्मेदारी सभी पर है। इसी प्रकार घायलों का उपचार चिकित्सकों की कमी के कारण जीएनएम आदि के द्वारा करने की शिकायत की जाती है। दो बजे के बाद चिकित्सकों की कमी हो जाती है। इस कारण से जटिल प्रसव वाली महिला उपचार प्रायः एएनएम करती है। इन दिनों तो मामूली प्रसव की जटिलता में जल्द ही रेफर कर दिया जाता है। इसमें कुछ आशा कार्यकर्ता और एएनएम बिचौलिया का कार्य करती हैं। बाहरी बिचौलिए सीएचसी बराबर आते रहते हैं। विदित हो कि पिछले माह हुसैना गांव की एक प्रसूता को आशा, एएनएम और कुछ स्वास्थ्य कर्मियों के बिचौलिए की मिलीभगत से बगल के एक प्राइवेट नर्सिंग होम व क्लिीनिक में उपचार के लिए ले जाया गया था,जहां प्रसूता की मौत भी हो गई थी। दो साल पहले भी अलीनगर की एक प्रसूता की मौत देर से रेफर व उपेक्षा करने के कारण लखीसराय सदर हॉस्पीटल ले जाने के क्रम में रास्ते में हो गई थी। राज्य की टीम ने भी जांच पड़ताल की थी।

वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वाई के. दिवाकर के अनुसार रोस्टर के अनुसार सभी चिकित्सों की डयूटी रहती है तथा उन्हें आने का निर्देश होता है। रात में भी चिकित्सक रहते हैं और परामर्श देते हैं। कोई बिचौलिया नहीं आता। सभी को कड़ी हिदायत दी गई है।

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