साथी कैंपेन के तहत अनाथ बच्चों का बनेगा आधार कार्ड
-अच्छी खबर : पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि। जिले के बेसहारा एवं अनाथ बच्चों का भी अब आधार कार्ड ‘साथी कैंपेन के तहत बनेगा। उन्हें भी केन्द्र एवं राज

पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि।जिले के बेसहारा एवं अनाथ बच्चों का भी अब आधार कार्ड ‘साथी कैंपेन के तहत बनेगा। उन्हें भी केन्द्र एवं राज्य सरकारों की लाभकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाया जाएगा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने बेसहारा बच्चों को कानूनी पहचान प्रदान करने और सामाजिक कल्याण तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए एक केंद्रित राष्ट्रीय अभियान ‘साथी शुरू किया है। सड़कों पर या देखभाल गृहों में रहने वाले ऐसे कई बच्चे आधार से वंचित हैं। यह सरकारी लाभ, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न बाल कल्याण कानूनों के तहत सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। ‘साथी का उद्देश्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (डीएलएसए) के नेतृत्व में एक मिशन-मोड दृष्टिकोण में सर्वेक्षण, आधार पंजीकरण और कानूनी सहायता के माध्यम से इस अंतर को समाप्त करना है।
इसके लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के निर्देश पर पूर्णिया में ‘डिस्ट्रिक्ट साथी कमेटी का गठन किया गया है। प्रधान जिलाजज कन्हैयाजी चौधरी के दिशा-निर्देश में गठित इस कमेटी के अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुनील कुमार होंगे। वहीं सदस्य के रूप में 17 अधिकारी शामिल किए गए हैं वहीं सदस्य के रूप में 17 अधिकारी शामिल किए गए हैं। इस कमेटी की पहली बैठक आगामी 26 मई को बुलायी गई जिसमें कार्यों की रणनीति तय की जाएगी। .....कमेटी के सदस्य: -सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला महिला एवं बाल विकास पदाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक आलोक रंजन, सभी अंचल अधिकारी पूर्णिया, बाल संरक्षण पदाधिकारी विवेक कुमार रजक, पर्यवेक्षण गृह अधीक्षक धर्मेन्द्र कुमार, परीवीक्षा अधिकारी गोपाल कुमार, पैनल अधिवक्ता अश्वनी पाण्डेय, गौरी शंकर, रूबी कुमारी, रजनी कुमारी, विधिक स्वयं सेवक बिनोद महलदार, प्रमोद कुमार भगत, दिलीप कुमार एवं मनवर हुसैन। ---- ...अभियान के तहत कार्य: -आधार के लिए सर्वेक्षण और ट्रैकिंग के साथ समग्र समावेश तक पहुंच -सड़कों, आश्रय घरों, बाल संस्थानों, आंगनबाड़ी और पारगमन बिंदुओं पर सर्वेक्षण -आधार पंजीकरण, सुविधा, यूआईडीएआई, बाल कल्याण समितियों के साथ समन्वय -बच्चों का बायोमेट्रिक नामांकन और आधार जारी सुनिश्चित करना -आरटीई अधिनियम, किशोर न्याय, पोक्सो और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अधिकारों से जोड़ना -निगरानी, दस्तावेजीकरण और और दीर्घकालिक समावेशन के लिए डेटा संरक्षण
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