मोहल्ले में नियमित सफाई व सड़कों में बने गड्ढ़ों का निदान चाहते हैं लोग
मधुबनी के इंद्र परिसर कॉलोनी में करीब 2000 लोग वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं। यहाँ सड़कें जर्जर हैं, जलजमाव और सफाई की समस्या है। नगर निगम की उदासीनता के कारण नागरिकों को पेयजल संकट...

मधुबनी शहर के वार्ड-3 के इंद्र परिसर कॉलोनी में लगभग 2 हजार लोग वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। इन वार्डों में जर्जर सड़क, जलजमाव और सफाई नहीं होने जैसी समस्याएं आम बात है। नगर निगम की उदासीनता के कारण इन क्षेत्रों की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। यहां के नागरिकों का कहना है कि वर्ष 2015 में जमीन खरीद कर अपना घर बनाया। धीरे-धीरे आसपास बस्ती घनी होती चली गई लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ी। बीते दस वर्षों में स्थानीय समस्याओं की तरफ जिला और नगर प्रशासन ने ध्यान ही नहीं दिया।
सड़कों की हालत इतनी खराब है कि हल्की बारिश में ही जगह-जगह जलजमाव और कीचड़ भर जाता है। नालों का निर्माण नहीं होने से वर्षों से कॉलोनीवासी परेशान हैं, नाला निर्माण नहीं होने से बारिश का पानी रास्तों पर जमा हो जाता है। इससे कीचड़ व गंदगी का अंबार लग जाता, जिससे लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इससे न केवल आम नागरिकों को परेशानी होती है, बल्कि छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है। स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। जलजमाव, कीचड़ और गड्ढों के कारण कई बार बच्चे गिरकर घायल हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम में घर बना कर रहने के लिए सभी तरह के टैक्स लगते हैं लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं मिलती है। किसी अधिकारी के द्वारा भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। गंदे पानी और कचरे की वजह से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसे रोग फैलने की आशंका बनी रहती है। स्थानीय ललन दुबे कहते हैं इंद्र परिसर कॉलोनी में जल्द से जल्द सड़क नाला निर्माण और साफ-सफाई कार्य हो ताकि आने वाली बारिश में समस्याएं कम झेलनी पड़े। उमेश प्रसाद श्रीवास्तव बताते हैं जब तक नगर निगम मूलभूत सुविधाओं से कॉलोनी को विकसित नहीं करती तब तक कॉलोनी वासी नगर निगम को किसी तरह के टैक्स का भुगतान नहीं करेंगे। गर्मी में पेयजल की किल्लत: इंद्र परिसर कॉलोनी के लोगों को गर्मी के मौसम में गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। हर वर्ष जैसे ही तापमान बढ़ता है, वैसे ही इलाके में जलस्तर काफी नीचे चला जाता है, घरों के अधिकतर चापाकल या तो सूख जाते हैं या उनमें से पानी निकलना बंद हो जाता है। इस स्थिति में लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। वार्ड में ‘नल जल योजना की स्थिति भी बेहद खराब है। कहीं नल लगे ही नहीं हैं और जहां लगे हैं, वहां महीनों से जलापूर्ति नहीं हो रही है। पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी नहीं आता, जिससे योजना केवल कागजों तक सीमित रह गई है। नल कनेक्शन की संख्या भी बहुत सीमित है और जो हैं, वे भी खराब पड़े हुए हैं। परिणामस्वरूप, लोगों को टैंकर या दूर-दराज या दूसरों के घरों से के पीने का पानी लाना पड़ता है। सड़क और नाला निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाला गया है और कई वार्डों में सड़क और नाला निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया है। हर वार्ड की साफ-सफाई को लेकर सफाईकर्मियों को बहाल किया गया है। जिस भी वार्ड में साफ-सफाई नहीं हो रही है शिकायत मिलने पर तुरंत ही समस्या का समाधान किया जाएगा। स्थानीय लोग संबंधित अधिकारी को अपनी समस्याएं बता सकते हैं। -अरुण राय, मेयर
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