पेयजल न अच्छी सड़कें, जलजमाव व गंदगी ने बढ़ाया ततमा टोल का दर्द
मधुबनी के ततमा टोल में 10 हजार की आबादी बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान है। लोग सड़क, नाला, पेयजल और सफाई की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। बरसात में जलजमाव और गंदगी के कारण बच्चे और बुजुर्ग...
मधुबनी । नगर निगम क्षेत्र का ततमा टोल कई बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। 10 हजार की आबादी वाले इस मोहल्ले के लोगों की पीड़ा है कि निगम प्रशासन यहां विकास कार्यों को लेकर गंभीर नहीं है। मोहल्ले के रामबाबू ठाकुर, हरिमोहन यादव, राम नारायण यादव, बिलटू शर्मा, गिरिधर कुमार, संजय मिश्रा आदि ने बताया कि वर्षों से इस कॉलोनी के लोग सड़क, नाला, साफ-सफाई और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। बरसात के मौसम में कॉलोनी जलजमाव से डूब जाती है और लोगों को अपने ही घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इनका कहना है कि कॉलोनी में नाले का निर्माण कभी ढंग से नहीं हुआ।
नालियों की सफाई भी समय पर नहीं की जाती, जिससे बारिश का पानी बहने की बजाय सड़कों पर जमा हो जाता है। यह जलजमाव सप्ताहों, कभी-कभी महीनों तक बना रहता है। पानी से सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे जगह-जगह गड्ढे हो जाते हैं और सड़कें जर्जर हो जाती हैं। लोगों का कहना है कि खस्ताहाल सड़कों से गुजरना कॉलोनी के लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। विशेषकर छोटे बच्चों को स्कूल जाने-आने और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। बच्चों को स्कूल जाते समय सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार बच्चे इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर असर पड़ता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि उन्होंने कई बार नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्याओं पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कॉलोनी के लोगों में इससे गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जब वे टैक्स देते हैं और सभी सरकारी योजनाओं में भागीदार हैं, तो फिर उन्हें मूलभूत सुविधाओं से क्यों वंचित रखा जा रहा है। नल जल की समस्या: हर वर्ष गर्मी के मौसम में शहरवासियों को गंभीर पानी संकट जूझना पड़ता है। तापमान बढ़ते ही भू-जल स्तर तेजी से नीचे चला जाता है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में लगे चापाकल पूरी तरह सूख जाते हैं। यह स्थिति हर साल की तरह इस बार भी बनी हुई है, जिससे लोगों को पीने और घरेलू उपयोग के लिए पानी जुटाना मुश्किल हो गया है। शहर के राम जानकी कॉलोनी और अन्य घनी आबादी वाले इलाकों में जल संकट चरम पर है। जिन इलाकों में पहले चापाकल से आराम से पानी निकलता था, वहां अब लोगों को घंटों इंतजार करने के बाद भी एक बाल्टी पानी नसीब नहीं हो रहा। महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे उनका दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बच्चे और बुजुर्ग भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं। कॉलोनी में सफाई नहीं होने से समस्या: कॉलोनीवासियों का कहना है कि क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई नहीं होती, जिससे सड़क के किनारे कचरा बिखरा रहता है। यह गंदगी न केवल दुर्गंध फैलाती है, बल्कि संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है। लोगों ने बताया कि निगम द्वारा न तो कचरा उठाने की व्यवस्था है और न ही सफाईकर्मी समय पर आते हैं। गलियों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इसके सड़ने से कीड़े-मकौड़े और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। यह स्थिति गर्मी और बरसात के मौसम में और भयावह हो जाती है। कॉलोनी की महिलाएं और बुजुर्ग बताते हैं कि कचरे की दुर्गंध के कारण उन्हें घरों से बाहर निकलने में तकलीफ होती है। बच्चों के लिए खेलना और स्कूल जाना भी कठिन होता जा रहा है, क्योंकि गंदगी से भरी सड़कों पर चलना जोखिम भरा हो गया है। इसके अलावा, सुअर और आवारा पशु कचरे में मुंह मारते हुए अक्सर सड़कों पर घूमते रहते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। स्ट्रीट लाइट खराब, अंधेरे में सड़क पर चलना चुनौती से कम नहीं मोहल्ले के शुभकांत मिश्रा व रामबाबू यादव का कहना है कि सड़क किनारे पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। इस कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है शाम के बाद बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को सड़क पर अंधेरे के कारण घरों से निकलने में काफी दिक्कत होती है। अंधेरे में सड़क पर चलना जोखिमपूर्ण हो जाता है। बुजुर्ग लोग विशेष रूप से इस समस्या से प्रभावित होते हैं। उनका कहना है कि अंधेरे में सड़कों पर गड्ढे का पता नहीं चल पाता है। इस कारण वे कई बार गिरकर चोटिल हो जाते हैं। निगम प्रशासन को इस दिशा में काम करना चाहिये। स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों को भी इन समस्याओं को लेकर गंभीर होना होगा। इनका कहना है कि जनप्रतिनिधि मजबूती से अपनी बात रखें तो अफसर को जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा। रोजाना सफाई भी नहीं होती है मोहल्ले के लोगों को कहना है कि कई स्थानों पर महीनों से कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नगर निगम द्वारा इन्हें उठाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। इनका कहना है कि बारिश के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। पानी के बहाव से कचरा सड़कों पर फैल जाता है और गलियों में गंदगी का आलम बना रहता है। इससे मच्छर और मक्खियों की भरमार हो जाती है। इससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे और बुजुर्ग इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। गंदगी के कारण कई लोग पहले ही बीमार पड़ चुके हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बोले जिम्मेदार नगर निगम द्वारा शहर के समग्र विकास हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में विशेष पहल के अंतर्गत ततमा मोहल्ले में नाला और सड़क निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ किया जाएगा। इस कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। बरसात के मौसम में यहां का जनजीवन अत्यधिक प्रभावित होता है। जलभराव के कारण आम नागरिकों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रस्तावित खुले नाला और सड़क निर्माण से इस समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा। निरंतर साफ-सफाई व्यवस्था वार्ड पार्षद से बात कर करवाई जाएगी। -अनिल कुमार चौधरी ,नगर आयुक्त, मधुबनी
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