नीतीश कैबिनेट विस्तार में मिथिला की चांदी, उत्तर बिहार से बीजेपी ने चार मंत्री बनाए
बीजेपी ने 7 में से 4 नए मंत्री उत्तर बिहार से बनाए हैं। अकेले मिथिला क्षेत्र से 3 नेताओं को नीतीश कैबिनेट में शामिल किया गया है। विधानसभा चुनाव से पहले हुए कैबिनेट विस्तार में इस क्षेत्र को तरजीह दी गई है।

नीतीश मंत्रिमंडल के बुधवार को हुए विस्तार में मिथिला क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया है। 7 नए मंत्रियों में तीन मिथिला क्षेत्र से हैं, जबकि एक तिरहुत से है। यानी कि उत्तर बिहार से बीजेपी ने चार नेताओं को मंत्री बनाया है। इस तरह मौजूदा मंत्रिमंडल में मिथिला से मंत्रियों की संख्या 6 से बढ़कर 9 हो गई है, जबकि उत्तर बिहार के मंत्रियों की संख्या 9 से बढ़कर 13 हो गई है। उत्तर बिहार के नए मंत्रियों में दो वैश्य, एक भूमिहार और एक राजपूत जाति से आते हैं।
उत्तर बिहार की 71 विधानसभा सीटों में 51 सीटों पर एनडीए का कब्जा है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नीतीश कैबिनेट के 36 मंत्रियों में से 13 उत्तर बिहार के सात जिलों से हैं। इनमें अकेले दरभंगा से 4 मंत्री हैं। मधुबनी, समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर से दो-दो और सीतामढ़ी, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण से एक-एक मंत्री हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भाजपा कोटे से शपथ लेने वाले मंत्रियों में जाति समीकरण को भी साधा गया है। नए मंत्रियों में दरभंगा सदर से लगातार पांच बार विधायक रहे संजय सरावगी वैश्य समुदाय से आते हैं, जबकि जिले की जाले विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने जीबेश मिश्रा भूमिहार जाति के हैं। संजय सरावगी पहली बार मंत्री बने हैं, जबकि जीवेश नीतीश कैबिनेट में पहले भी मंत्री रहे हैं। संजय एवं जीवेश ने विद्यार्थी परिषद से सियासी सफर की शुरुआत की थी।
सीतामढ़ी की रीगा विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने मोतीलाल प्रसाद पहली बार मंत्री बने हैं। आरएसएस से जुड़े रहे मोतीलाल वैश्य समुदाय से आते हैं। वे इंटर कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के पद पर काम कर चुके हैं। मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से 5 बार विधायक रहे राजू कुमार सिंह को भी मंत्री बनाया गया है। 2020 में वे वीआईपी के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। राजू इससे पहले लोजपा और जदयू के टिकट पर भी विधायक रहे हैं।