उपेक्षा का दंश झेल रहा है राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरेराज उर्दू कन्या
अरेराज के राजकीय प्राथमिक विद्यालय उर्दू कन्या में चहारदीवारी और पर्याप्त कमरों की कमी है। महरूम जमील मियां द्वारा 1950 में स्थापित इस विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है, लेकिन...
अरेराज, निसं। अनुमंडल मुख्यालय अरेराज से महज दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरेराज उर्दू कन्या रास्ता ,चहारदीवारी व पर्याप्त कमरे के आभाव में उदासीनता का दंश झेल रहा है। ग्रामीण परिवेश के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अरेराज निवासी महरूम जमील मियां के द्वारा वर्ष 1950 में दानस्वरूप दी गयी डेढ़ कट्ठा भूमि पर यह विद्यालय संचालित किया जा रहा है। तीन कमरे के इस विद्यालय में वर्ग एक से 05 तक के नामंकित बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए इस उर्दू कन्या विद्यालय की स्थापना की गई थी। चहारदीवारी को कौन कहे पर्याप्त कमरे के आभाव में दो कमरे में ही सजती है वर्ग 01 से लेकर पांच तक कक्षाएं, जबकि एक कमरे में रसोइया एमडीएम का भोजन बनाते हैं। विडंबना तो यह भी है वार्ड 09 में स्थित इस विद्यालय को हर पांच वर्षो पर आने वाला लोकतंत्र के पर्व के दिनों में मतदान केंद्र भी बनाया जाता है। जबकि मतदान केंद्र की अर्हता को भी यह विद्यालय पूरा नहीं कर पाता है। निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारी भी इस विद्यालय का निरीक्षण कर यहां मतदान केंद्र बनाए जाने की स्वीकृति भी प्रदान कर देते हैं। बरसात के दिनों में जलजमाव होने के कारण साप बिच्छू व कीड़े मकोड़े का भी भय रहता है। पगडंडी रास्ता भी बंद हो जाता है। एचएम आदित्य कुमार तिवारी कहते है कि पर्याप्त कमरे के अभाव में दो ही कमरे में किसी तरह बच्चों के लिए बेंच डेस्क लगाकर बैठाया जाता है। जबकि एक कमरे में एमडीएम की रसोई बनती है। भूमिदाता परिवार के सदस्य नईम मियां कहते है कि विद्यालय को रास्ता उपलब्ध कराने की दिशा में पहल किया जा रहा है। गांव वालों की सहमति से रास्ता उपलब्ध कराया जाएगा।
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