Cyber Fraud Recognized as Organized Crime in Muzaffarpur CID Initiates Serious Action साइबर अपराध भी डकैती-रंगदारी की तरह होगा संगठित अपराध, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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साइबर अपराध भी डकैती-रंगदारी की तरह होगा संगठित अपराध

- पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग ने दिए निर्देश - वरीय अधिकारी करेंगे केस की

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 15 April 2025 04:55 PM
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साइबर अपराध भी डकैती-रंगदारी की तरह होगा संगठित अपराध

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट की घटना भी अब संगठित अपराध की श्रेणी में आ गई है। डकैती, रंगदारी, फिरौती के लिए अपहरण, बैंक लूट जैसी बड़ी घटनाएं संगठित अपराध की श्रेणी में रखी गई है। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने अब साइबर ठगी को भी संगठित अपराध मानकर गंभीरता से कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। थाने में एफआईआर के साथ ही पुलिस टीम मोबाइल सर्विलांस व अन्य स्रोतों से जांच के लिए सक्रिय होगी। तय समय में जांच व कार्रवाई पूरी कर साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया जाएगा। सीआईडी के निर्देश पर साइबर क्राइम के अनुसंधान के लिए विशेष टीम का गठन करने की कवायद चल रही है।

मुजफ्फरपुर साइबर थाना के अलावा सामान्य थानों में भी दर्ज होने वाली साइबर ठगी की वारदात में भी विशेष टीम कार्रवाई करेगी। साइबर अपराध की लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी चिंतित हैं। इसके खुलासा में आईओ को काफी समय लग जा रहा है। जब तक शातिरों का पुलिस सुराग ढूंढती है, तब तक शातिर सारे साक्ष्य को मिटाकर दूसरे संसाधन से घटना को अंजाम देते हैं।

मुजफ्फरपुर में 500 से अधिक साइबर अपराध के अनसुलझे केस पड़े हैं। जिसमें पुलिस अब समय बीतने के कारण सत्य सूत्रहीन बताकर अज्ञात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रही है। बताया गया कि अब साइबर ठगी संगठित अपराध की श्रेणी में आने पर मुख्यालय मामले में हो रही कार्रवाई को लेकर लगातार खोज खबर लेगा। इसी तरह जिले के वरीय अधिकारी भी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी पर कार्रवाई की रिपोर्ट हर माह मुख्यालय भेजी जाएगी।

सभी आईओ को लेना होगा प्र्रशिक्षण:

साइबर अपराध को लेकर पुलिस गंभीर होगी। इसके अलावा थाना स्तर पर भी आईओ को साइबर अपराध से निबटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए हर आईओ एक घंटे के लिए ऑनलाइन सेशन से जुड़कर जानकारी लेनी होगी। यह प्रशिक्षण आर्थिक अपराध इकाई की ओर से दिलाया जा रहा है। एसएसपी सुशील कुमार ने बताया कि साइबर अपराध में अनुसंधान के एसओपी के अलावा बीएनएस के नये प्रावधानों के संबंध में भी सभी आईओ को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य किया गया है।

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