बोले बोकारो: नाली, सड़क और लाइट का अभाव, पुलिस की गश्ती बढ़े
राजेंद्र नगर के निवासियों ने हिन्दुस्तान के बोले बोकारो कार्यक्रम में अपनी मूलभूत सुविधाओं की समस्याओं को साझा किया। उन्होंने नालियों की कमी, जर्जर सड़कों, स्ट्रीट लाइट्स के अभाव और स्वास्थ्य केंद्र...

हैसाबातू पूर्वी पंचायत का हिस्सा राजेद्र नगर है। यहां लोगों के करीब 1200 से अधिक घर हैं। लेकिन, राजेंद्र नगर तक आने वाले वाली मुख्य सड़क जर्जर है। इस कारण लोग लंबी दूरी तय कर मंजिल तक पहुंचते हैं। राजेंद्र नगर के लोग नालियों के अभाव में परेशानी झेलने को विवश हैं। पंचायत द्वारा जोरिया से नाली शुरू होकर करीब 200 मीटर की दूरी पर खत्म हो गई है। राजेंद्र नगर के एक ओर जहां गरगा नदी है। वहीं, दूसरी ओर एक जोरिया है। पंचायत में होने के बाद भी यहां के लोगों को शहरी बिजली बिल चुकाना पड़ता है, जबकि पंचायत के बाकि क्षेत्र के लोगों को ग्रामीण बिल भुगतान करना होता है। स्ट्रीट लाइट का अभाव है। गलियां और सड़कों पर अंधेरा रहता है। पुलिस पेट्रोलिंग सही नहीं होती है। जिस कारण चोरी व छिनताई की घटनाएं होती रहती हैं। टावर लाइट की व्यवस्था के अभाव में लोग डरे सहमे रहते हैं। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित बोले बोकारो के कार्यक्रम में लोगों ने अपनी बात रखी।
बालीडीह थाना अंतर्गत हैसाबातू पूर्वी पंचायत स्थित राजेंद्र नगर के लोगों ने हिन्दुस्तान के बोले बोकारो संवाद कार्यकम में अपनी मूलभूत सुविधाओं की पीड़ा को रखा। कहा कि राजेंद्र नगर कॉलोनी पंचायत के अंतर्गत आने के बाद भी यहां लोग नालियों की समस्या से जूझ रहे हैं। कई गलियों में नाली नहीं है। सड़क पर नाली का गंदा पानी बहता है। सड़क पर बहते गंदे पानी के कारण आवागन में लोगों को परेशानी होती है। साथ ही कई मोहल्लों में अबतक सड़क नहीं बनी है। जबकि कई जगह सड़कें जर्जर हैं। पंचायत को चाहिए कि जो सड़क जर्जर है, उसका पुनर्निर्माण कराया जाए। साथ ही जहां सड़कें नहीं हैं, उन गलियों में सड़क का निर्माण हो। नालियां भी बनें। ताकि यहां रह रहे लोगों की परेशानी कम हो और लोगों को नालियां लांघ कर आना-जाना न पड़े।
गरगा नदी बचाने के लिए ड्रेनेज सिस्टम जरूरी : लोगों ने कहा कि हैसाबातू जलापूर्ति योजना के तहत पेयजल आपूर्ति का कनेक्शन मिला है। लेकिन, पानी सप्लाई के नाम पर करीब आधे घंटे तक ही पानी सप्लाई हो पाती है। ऐसे में यहां के लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी की सप्लाई नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के मौमस में यह परेशनी काफी बढ़ जाती है। कहा कि गरगा डैम के बाद निकलने वाली नदी में हर स्थान पर नालियां नदी में समाहित होती है। यह चिंता का विषय है। गरगा नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए नदी के दोनों ओर ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाना चाहिए। ताकि नालियों के पानी को डायरेक्ट नदी में प्रवेश होने से रोका जा सके। नालियों के पानी को एक स्थान पर फिल्टर कर नदी में मिलाने से नदी का अस्तित्व बचेगा। क्योंकि अधिकांश लोग आज भी धार्मिक, पारंपरिक कार्यक्रम के लिए गरगा नदी पर निर्भर हैं।
शाम ढलते ही क्षेत्र में अंधेरा : लोगों ने कहा कि राजेंद्र नगर में स्ट्रीट लाइट का अभाव है। शाम ढलते ही क्षेत्र में अंधेरा छाने लगाता है। पंचायत होने के बाद भी इस क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में अब भी बिजली के खंभे नहीं लगे हैं। इस कारण लोगों का बिजली कनेक्शन अपने घर तक ले जाने में परेशानी होती है। मुखिया को चाहिए कि इस क्षेत्र में बढ़ती आबादी को देखते हुए बिजली के खंभे सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए साकारात्मक पहल करे। ताकि पंचायत के वोटरों की समस्याओं का समाधान समय पर हो सके। रितुडीह पुल के समीप एक टावर लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही राजेंद्र नगर के मुख्य चौक पर भी एक टावर लाइट हो तो बेहतर होगा।
हेल्थ सेंटर बने तो सैंकड़ों लोगों को मिलेगा लाभ : कहा कि राजेंद्र नगर की आबादी को देखते हुए यहां एक हेल्थ सेंटर होना चाहिए। यहां के कई ऐसे लोग हैं, जो आर्थिक रूप से सदर अस्पताल तक पहुंचने के लिए सक्षम नहीं हैं। वहीं, बुजुर्गों की संख्या भी इस क्षेत्र में अच्छी खासी है। ढलती उम्र के साथ लोगों को कहीं भी आने-जाने में अधिक परेशानी होती है। ऐसे में यहां एक स्वास्थ केंद्र होना आवश्यक हो जाता है। ताकि यहां के लोगों को समय पर स्वास्थ जांच का लाभ मिल सके। कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में बोकारो में पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। बीजीएच से लेकर सदर अस्पताल को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। ताकि बोकारो के लोगों को हर तहर का इलाज यहीं उपलब्ध हो सके। कहा कि बोकारो में बन रहे मेडिकल कॉलेज से कॉफी उम्मीदें हैं।
सुझाव
1. राजेंद्र नगर में नालियों का निर्माण कराया जाए।
2. हर गली के साथ हर चौक पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जानी चाहिए।
3. राजेंद्र नगर कॉलोनी को जोड़ने वाली रितुडीह पुल से आने वाली सड़क का पुनर्निर्माण हो।
4. राजेंद्र नगर के लोगों के लिए अलग से मतदान केंद्र बने।
5. गरगा नदी को बचाने व शुद्ध रखने के लिए व्यापक स्तर पर योजना बनाई जानी चाहिए।
शिकायतें
1. राजेंद्र नगर में नाली का अभाव। रितुडीह पुल पर प्रवेश करते ही मुख्य सड़क पर ही नाली का गंदा पानी स्वागत करता है।
2. स्ट्रीट लाइट के अभाव में शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा।
3. सड़कें हो चुकीं जर्जर, वर्षों से सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है।
4. केंद्र दूर होने के कारण कई वोटर मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाते।
5. गरगा नदी नालियों का संगम स्थल बन चुका है।
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