कन्या उत्थान के आवेदन को अप्रूवल दिलाने का झांसा दे रहे शातिर
मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत छात्राओं से आवेदन सत्यापन के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। कुछ शातिर छात्रों से पैसे मांग रहे हैं, जबकि विश्वविद्यालय ने बताया कि इस योजना के लिए...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। बीआरएबीयू समेत प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के तहत आने वाले कॉलेजों से स्नातक उत्तीर्ण होनेवाली छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके लिए स्नातक उत्तीर्ण होने के बाद मेधासॉफ्ट पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होता है। आवेदन का विश्वविद्यालय और निदेशालय स्तर से सत्यापन होता है। विश्वविद्यालय स्तर पर टीआर से अंकपत्र का सत्यापन और अन्य कागजातों की जांच की जाती है। इसमें समय लगता है। इसी बीच कुछ शातिर विश्वविद्यालय और निदेशालय स्तर पर आवेदन का सत्यापन करा देने के नाम पर छात्राओं से पैसे की मांग कर रहे हैं। वे इससे पूर्व भुगतान करा देने का दावा कर उसका स्क्रीनशॉट भी वाट्सएप ग्रुप्स में साझा कर रहे हैं। दोनों स्तर पर सत्यापन के नाम पर छात्राओं को मिलनेवाली राशि का 15 से 20 प्रतिशत एडवांस में जमा करने का झांसा दे रहे हैं। शातिर लंबे समय से सत्यापन के लिए लंबित आवेदनों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान कराने का दावा कर रहे हैं।
गायघाट प्रखंड की रहनेवाली छात्रा प्रीति कुमारी इसी मैसेज को देखकर उनके झांसे में आ गई और पांच हजार रुपये बतौर एडवांस दे दिया। अब शातिरों ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया है। छात्रा ने इसको लेकर विश्वविद्यालय में आवेदन भी दिया है।
डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि कन्या उत्थान योजना के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। छात्राएं आवेदन के बाद किसी भी शातिर के चक्कर में न पड़ें। विश्वविद्यालय स्तर से सत्यापन स्वत: हो जाएगा। इसके लिए राशि देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जगह-जगह बिचौलियों से बचने को लेकर सूचना लगाई गई है।
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