बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए नाव पर बनेंगे अस्पताल
मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ से पहले की तैयारी शुरू कर दी है। 15 जिलों में अस्थायी अस्पताल और नाव पर चिकित्सा सेवा शुरू की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता, सोमनाथ सत्योम। स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ पूर्व की तैयारी शुरू कर दी है। बाढ़ के दौरान किसी को भी किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने तिरहुत प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को निर्देशित किया है। साथ ही मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी व पश्चिम चंपारण सहित 15 जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पंचायत भवन में अस्थायी अस्पताल स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा नाव पर अस्पताल (औषधालय) बनाने को कहा है, ताकि बाढ़ में फंसे लोगों तक दवा और मेडिकल टीम को आसानी से पहुंचाया जा सके।
खासकर सिविल सर्जन को डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम और पर्याप्त मात्रा में दवाएं स्टॉक में रखने को कहा है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि वैसे इलाके जो जलजमाव आदि से घिर जाते हैं, सड़क संपर्क टूट जाता है, वैसे प्रभावित क्षेत्रों में जनसाधारण को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए नौका अस्पताल खोला जाएगा। इसपर चिकित्सा पदाधिकारी के साथ एएनएम व पारा मेडिकल कर्मी की तैनाती रहेगी। स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों को भी किया सतर्क : स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के अलावा भी कई विभागों को संभावित बाढ़ के दौरान सतर्क और अपनी तैयारी रखने को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि हर साल मानसून अवधि में कई जिलों को बाढ़ की विभीषिका का सामान करना होता है। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में 15 जिले अति प्रभावित जिलों की श्रेणी में आते हैं। स्कूल, पंचायत भवन में खुलेंगे अस्थायी अस्पताल : अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावितों की संख्या ज्यादा है, वहां पर स्कूल, पंचायत भवन आदि में अस्थायी अस्पताल खोले जाएंगे। यह अस्थायी अस्पताल तबतक चलेगा, जबतक स्थिति नियंत्रित नहीं हो जाता। यहां पर कर्मचारी अस्थायी रूप से कार्यरत रहेंगे। महामारी रोकथाम समिति गठित : इस दौरान जानमाल की क्षति के अलावा बीमारियों के भी महामारी के रूप में फैलने की आशंका होती है। इसकी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में एक महामारी रोकथाम समिति गठित है। यह टीम अपने जिले में बाढ़ व जलजमाव से उत्पन्न होनेवाली बीमारियों के सभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभवों के आधार पर चिह्नित करेगी। चलंत व अस्थाई चिकित्सा दलों की होगी तैनाती : जिला व प्रखंड स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चलंत, अस्थाई व स्थायी चिकित्सा दलों का गठन होगा। बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्रों में जलजनित रोग से काफी जनसंख्या ग्रसित होती है। विगत वर्ष के अनुभव के आधार पर बाढ़ व महामारी से निबटने के लिए जिला से प्रखंड स्तर तक दवाओं की उपलब्धता आकलन की तैयारी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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