संचार और प्रौद्योगिकी शोध की गति को करता है तेज
मुजफ्फरपुर में ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय में शोध प्रविधि कार्यशाला के दूसरे दिन, एनआईईपीए के निदेशक प्रो. के. श्रीनिवास ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने शोध...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग, आईक्यूएसी और एमएमटीसी के तत्वावधान में छह दिवसीय शोध प्रविधि कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को एनआईईपीए के निदेशक प्रो. के. श्रीनिवास ने शोध के क्षेत्र में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी शोध की गति को तीव्रता प्रदान करता है। शोधार्थियों को वैश्विक मंच से जोड़ता है। डाटा संकलन और विश्लेषण में क्रांतिकारी परिवर्तन लाता है।
दूसरे सत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. तेज प्रताप सिंह ने कहा कि शोध की गुणवत्ता इसपर निर्भर करती है कि शोधार्थियों ने शोध की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों को किस प्रकार लिया है। शोध का उद्देश्य व्यापक होना चाहिए। शोध की समृद्धि संदर्भ पर निर्भर करती है। अतः शोध के लिए शोधार्थियों को संकल्पित होना चाहिए।
तीसरे सत्र में बीआरएबीयू के राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. कांतेश कुमार ने रिसर्च डिजाइन के विभिन्न प्रकार पर व्याख्यान दिया। कहा कि शोध प्रारूप के विविध आयामों की जानकारी शोधार्थियों के लिए आवश्यक है। रिसर्च डिजाइन यह बताता है कि हमें अपने शोध को किस ओर ले जाना है। शुद्ध शोध और अनुप्रयुक्त में अंतर को व्यापक रूप से समझाया गया। सभी सत्रों का संचालन डॉ. अर्चना सिंह और डॉ. जितेंद्र कुमार मिश्रा ने किया।
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