पॉक्सो कोर्ट आठ साल से इंतजार में, पुलिस ने दूसरी अदालत में पेश कर दी जार्चशीट
- बोचहां में हुए किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपित को लाभ पहुंचाने

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट बीते आठ साल से इंतजार करता रहा और मामले में तारीख पर तारीख चलती रही। बोचहां पुलिस ने विशेष पॉक्सो कोर्ट के बजाय दूसरी अदालत में आरोपित पर चार्जशीट दाखिल कर दी। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने इसे जानबूझकर लापरवाही बरतने और न्यायालय का समय बर्बाद कराने का मामला माना है। एसएसपी को बोचहां के दोषी थानेदार और आईओ पर सात दिनों के अंदर कार्रवाई का आदेश दिया है।
कोर्ट से आदेश की प्रति पहुंचने के बाद एसएसपी सुशील कुमार ने पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश एएसपी पूर्वी शहरेयार अख्तर को दिया है। वहीं, बोचहां थानेदार से जवाब तलब किया है। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने एसीजेएम नौ को आदेश दिया है कि जब मामला पॉक्सो से जुड़ा था तो उनके कार्यालय में इससे जुड़ी एफआईआर और चार्जशीट कैसे रिसीव की गई। इसके पीछे एसीजेएम कार्यालय के दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई का आदेश एसीजेएम नौ को दिया गया है। विशेष पॉक्सो कोर्ट के सख्त रुख से हड़कंप मचा है।
बोचहां में यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता की जब थाने में शिकायत नहीं सुनी गई थी तब उसने एडीजे-एक सह विशेष पॉक्सो कोर्ट में दो मई 2017 को परिवाद दाखिल किया। कोर्ट ने परिवाद के आधार पर बोचहां थानेदार को मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया। विशेष पॉक्सो कोर्ट के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई, इसका इंतजार किया जाता रहा। लंबे समय के बाद जब कोर्ट ने मामले में बोचहां के थानेदार को तलब किया तो उसने जवाब दिया कि कोर्ट के आदेश पर पांच जून 2017 को ही बोचहां थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। एफआईआर और पुलिस रिपोर्ट एसीजेएम-9 के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसे उक्त न्यायालय के लिपिक ने रिसीव किया है।
थानेदार के इस प्रतिवेदन पर विशेष पॉक्सो कोर्ट ने माना है कि एसीजेएम नौ के कार्यालय लिपिक, बोचहां थानेदार और केस के आईओ ने लापरवाही बरती है। इससे विशेष पॉक्सो कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद हुआ। साथ ही विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ने निर्देश दिया है कि एसीजेएम-9 दो दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि किस अधिकार के तहत संबंधित एफआईआर व आरोप पत्र प्राप्त किया गया और मामले के निपटारे में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है। एसएसपी को एक सप्ताह के अंदर संबंधित दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने इसकी सूचना देने को कहा है।
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