बेसहारा बच्चों व किशोर-किशोरियों को मिलेगी गरिमापूर्ण पहचान
कृपया इसे लाइव पर न डाला जाए - शहर की गलियों, गांवों, रेलवे

मुजफ्फरपुर, हिप्र। बेसहारा बच्चों व किशोर-किशोरियों को गरिमापूर्ण पहचान मिलेगी। इसके लिए सर्वे कराकर उनका आधार कार्ड बनाया जाएगा। यह सर्वे शहर की गलियों, गांवों, रेलवे स्टेशनों, अनाथ आश्रमों, बाल व पर्यवेक्षण गृह में कराया जाएगा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से 26 मई 26 जून तक यह सर्वे अभियान चलेगा। 27 जून से पांच जुलाई तक चिन्हित बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सोमवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव श्वेता कुमारी सिंह ने जिले के प्रखंड विकास पदाधिकारियों व प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। ‘साथी प्रोजेक्ट के तहत चलेगा सर्वे अभियान : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव जयश्री कुमारी ने बताया कि इस अभियान के तहत सर्वे का मुख्य फोकस ऐसे बेसहारा बच्चे व किशोर-किशोरियां हैं, जिनके माता-पिता का पता नहीं है। इनकी आयु 18 वर्ष से कम है। 'साथी' (सर्वे फॉर आधार एंड एक्सेस टू ट्रैकिंग एंड होलिस्टिक इंक्लूजन) प्रोजेक्ट के तहत यह सर्वे कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य इन बेसहारा बच्चों को गरिमापूर्ण पहचान दिलाना है। इससे इन बच्चों को आरटीई, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट व सरकार की सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। अगर ये बच्चे कहीं खो जाते हैं तो इनकी आसानी से पहचान हो सकेगी। अभियान के लिए बनी कमेटी, सर्वे में शामिल होंगे कॉलेज के छात्र : सर्वे अभियान को सफल बनाने के लिए सचिव जयश्री कुमारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, आधार फैसीलेशन सेंटर के जिला समन्वयक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला महिला व बाल विकास पदाधिकारी, डीएसपी मुख्यालय, पर्यवेक्षण गृह व बालगृह के अधीक्षक को शामिल किया गया है। सचिव ने बताया कि सर्वे में पारा लीगल वालेंटियर, आशा, आंगनबाड़ी सेविका व एनजीओ शामिल होंगे। जिले के सभी कॉलेजों के छात्रों का सर्वे में सहयोग लिया जाएगा। इसको लेकर कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र भेजा जा रहा है। जिन बच्चों की जन्मतिथि व उम्र की जानकारी नहीं है, वैसे बच्चों की मेडिकल जांच कराकर उम्र निर्धारित की जाएगी। इसके लिए सिविल सर्जन मेडिकल बोर्ड का गठन करेंगे। इन चिन्हित बच्चों के आधार का फॉर्म पैनल लॉयर भरेंगे।
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