जमीन के विवाद में चंदवारा पुल के साइट पर हमला, काम बंद
मुजफ्फरपुर में चंदवारा घाट पुल निर्माण स्थल पर मजदूरों और चालकों पर 30-40 लोगों ने हमला किया। इसके कारण काम बंद हो गया। खनन विभाग ने बिना परमिट मिट्टी कटाई के चलते जेसीबी और ट्रैक्टर जब्त कर 17 लाख...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज के निकट बूढ़ी गंडक नदी पर बन रहे चंदवारा घाट पुल के निर्माण स्थल पर काम कर रहे मजदूरों और चालकों को 30 से 40 लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हमले के बाद डर से कर्मियों ने काम बंद कर दिया है। इस बीच बगैर परमिट चंदवारा पुल के पहुंच पथ के लिए मिट्टी कटाई की शिकायत पर खनन विभाग ने पेटी कांट्रैक्टर की जेसीबी और दो ट्रैक्टर जब्त कर अहियापुर थाने को सौंप दिया है। खनन विभाग ने 17 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। रविवार को हुई मारपीट के बाद सोमवार को पुल निर्माण निगम की वरीय परियोजना इंजीनियर रूबी रानी ने निर्माण स्थल का निरीक्षण किया।
उन्होंने कांट्रैक्टर के मजदूरों और साइट इंजीनियर से घटना की जानकारी ली। इसके बाद विभाग के वरीय अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। बताया गया कि अशोक राय व उनके भाइयों की जमीन है। पुल निर्माण निगम ने अशोक राय से एग्रीमेंट किया है। उक्त प्लॉट पर एप्रोच पथ के लिए मिट्टी भरी जा रही थी। अशोक राय के भाई उमेश राय ने दावा किया कि उक्त जमीन में उनका भी हिस्सा है। पुल निर्माण निगम ने उनसे एग्रीमेंट नहीं किया है। बगैर एग्रीमेंट काम को अवैध बताते हुए उन्होंने मिट्टी भराई पर रोक लगाने को कहा लेकिन जेई व पेटी कांट्रैक्टर ने काम नहीं रोका। उमेश को प्रशासन से संपर्क करने के लिए कहा। पेटी कांट्रैक्टर जयप्रकाश कुमार ने बताया कि रविवार को उमेश राय ने अचानक 30-40 लोगों के साथ धावा बोल दिया। एप्रोच पथ बना रहे कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसके बाद डर से काम बंद है। घटना के बाद खनन विभाग के खान निरीक्षक की टीम पहुंची और पेटी कांट्रैक्टर की जेसीबी व दो ट्रैक्टर जब्त कर लिया। अहियापुर थाने में सभी वाहनों को सौंप दिया गया। खान निरीक्षक ने बगैर परमिट मिट्टी कटाई से 17 लाख रुपये राजस्व का दावा किया है। पेटी कांट्रैक्टर ने निर्माण कंपनी के वरीय अधिकारियों को मामले की सूचना दी है। निर्माण कंपनी के मालिक ने कल तक मुजफ्फरपुर आने की बात बताई है। बता दें कि चंदवारा पुल को इसी साल चालू कराने का सरकार का निर्देश है। 30 जून तक पुल चालू करने का लक्ष्य है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने इसे ड्रीम प्रोजेक्ट करार दिया है। ऐसे में निर्माण स्थल पर कर्मियों से मारपीट और काम बंद हो जाने से पुल चालू होने पर ग्रहण लग सकता है। आठ साल बंद रहने के बाद शुरू हुआ है काम : चंदवारा पुल का काम फरवरी 2014 में शुरू हुआ था। 2016 में काम पूरा करना था। पुल का ढांचा तैयार हो चुका है। 43 करोड़ रुपये से पुल बनना था, लेकिन भूमि अधिग्रहण नहीं होने से काम बंद हो गया। आठ साल तक काम बंद रहने के बाद पुल निर्माण निगम ने फिर से टेंडर कर काम शुरू कराया है। अब इसमें भी भूमि विवाद से काम बाधित हो गया है। उमेश राय पहले लेते थे खनन विभाग का अेंडर पेटी कांट्रैक्टर जयप्रकाश ने आरोप लगाया कि मारपीट करने के आरोपित उमेश राय पहले खनन विभाग से बूढ़ी गंडक नदी से मिट्टी कटाई का ठेका लेते थे। इसलिए उनकी खनन विभाग में पैठ है। इसलिए उनके कहने पर खनन विभाग के अधिकारियों ने साइट पर आकर जेसीबी व ट्रैक्टर जब्त किया है। वरीय परियोजना इंजीनियर रूबी रानी ने कहा कि जमीन मालिक अशोक राय से भूमि अधिग्रहण के तहत एग्रीमेंट हुआ है। इसके बाद एप्रोच सड़क बनाई जा रही थी। जमीन को लेकर कोई विवाद है तो उमेश राय को अपने भाई से समझना चाहिए। निर्माण स्थल पर हमला और कांट्रैक्टर के लेबर व कर्मियों से मारपीट की गई है। इसके बाद से काम बंद है। वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट दी जाएगी। जिला खनन पदाधिकारी हरेश कुमार ने बताया कि एप्रोच पथ निर्माण के लिए मिट्टी कटाई का परमिट खनन विभाग से नहीं लिया गया है। इससे विभाग को राजस्व की क्षति हो रही थी। शिकायत मिलने पर खान निरीक्षक की टीम ने कार्रवाई की है। दो ट्रैक्टर और एक जेसीबी जब्त कर आगे कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है। ट्रैक्टर व जेसीबी मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।