Monsoon Arrival Expected in Nawada Between June 15-20 Farmers Optimistic जून के दूसरे सप्ताह तक नवादा में मानसून दे सकती है दस्तक, बारिश अब तक बेहतर , Nawada Hindi News - Hindustan
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जून के दूसरे सप्ताह तक नवादा में मानसून दे सकती है दस्तक, बारिश अब तक बेहतर

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। आगामी 15 से 20 जून के बीच नवादा में मानसून का आगमन संभावित है। मानसून की आहट के बीच जिले में अब तक औसत से अधिक वर्षापात हुई है।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाThu, 29 May 2025 01:39 PM
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जून के दूसरे सप्ताह तक नवादा में मानसून दे सकती है दस्तक, बारिश अब तक बेहतर

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। आगामी 15 से 20 जून के बीच नवादा में मानसून का आगमन संभावित है। मानसून की आहट के बीच जिले में अब तक औसत से अधिक वर्षापात हुई है। यह किसानों को खुश करने वाली स्थिति है। चूंकि इस बार बंगाल की खाड़ी से चल कर दक्षिणी पश्चिमी मानसून एक जून की बजाय लगभग एक सप्ताह पूर्व ही केरल तट तक पहुंच चुकी है, जिससे यह उम्मीद जगी है कि बिहार में भी यह समय से पूर्व प्रवेश कर जाएगी। ऐसे में नवादा जिले में भी मानसून का आगमन समय से पूर्व होने का अनुमान है। हालांकि बिहार में प्रवेश के बाद इसमें आंशिक बदलाव भी संभावित है।

इस वर्ष हालांकि नौतपा कम तप रहा है लेकिन बारिश की स्थिति बेहतर रहने से किसानों में आने वाले दिनों को लेकर काफी उम्मीदें बंधी हैं। आगामी दो जून तक नौपता है और इस बीच सुकूनदायक मौसम पूर्वानुमान यह है कि अगले तीन दिनों तक तल्ख गर्मी बनी रहेगी। इस प्रकार, नौतपा के आखिरी दिनों में इसके तपने से खर-पतवार और कीटों आदि से खेतों को छुटकारा मिल जाएगा। यह खरीफ की खेती के लिए राहत भरी स्थिति होगी। अप्रैल और मई माह में औसत वर्षापात से अधिक हुई बारिश खरीफ की तैयारी में जुटे जिले के किसानों के लिए यह राहत भरी स्थिति है कि बीते अप्रैल और मई माह में औसत वर्षापात से अधिक बारिश हुई है। जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक, 7.3 एमएम सामान्य वर्षापात के विरुद्ध अप्रैल माह में जिले भर में लगभग साढ़े छह गुना अधिक यानी 46 एमएम बारिश हुई जबकि मई माह में 21.9 एमएम सामान्य वर्षापात के विरुद्ध डेढ़ गुना से अधिक यानी 39.5 एमएम बारिश हुई। मई माह में का अभी दो दिन शेष है। इस बीच भी छिटपुट बारिश संभावित है। अभी भी चल रही है नमीयुक्त हवा कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि इस वक्त बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवा आ रही है। अरब सागर में भी लो प्रेशर एरिया बना है। आगे भी पश्चिम बंगाल में सिस्टम बनेगा। नमी युक्त पुरवैया आती रहेगी। ऐसे में नौतपा वाले समय में भी अभी तक बादल व बारिश का अनुमान है। यही कारण है कि मई में हीट वेव की जगह नमी वाली हवा चल रही है। तपने की जगह धरती नम रह रही है। इस वक्त सामान्य से पांच डिग्री अधिक तापमान रहने की जगह चार डिग्री तक कम तापमान रह रहा है। हालांकि ऐसे ही मौसम के बीच अगले तीन दिनों में नौतपा का प्रभाव भी दिखेगा और औसत अधिकतम तापमान 34 से 36 जबकि इसके बाद 36 से 38 डिग्री तक रहेगा। न्यूनतम तापमान अगले तीन दिनों तक 24 से 26 और फिर 26 से 28 डिग्री सेल्सियत तक बना रह सकता है। बुधवार को भी मौसम में तल्खी रही लेकिन नमी भी बरकरार रही। बुधवार को अधिकतम तापमान 34.9 और न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा। उमस लगातार बरकरार रही, जो सताती रही। ---------------- मौसम की पारिस्थितिकी और मानसून पर लगातार है नजर नवादा। दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के शेष हिस्सों, तेलंगाना के अधिकांश हिस्सों, आंध्र प्रदेश के शेष हिस्सों, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के शेष हिस्सों में आगे बढ़ गया है। कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने उपग्रहीय चित्रों और अन्य संख्यात्मक मॉडल से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि अगले दो दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के शेष भागों, पश्चिम बंगाल के कुछ भागों और सिक्किम में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भाग पर बना कम दबाव वाला क्षेत्र बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 08:30 बजे भी इसी क्षेत्र में बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ने और बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग पर डिप्रेशन में तब्दील होने की संभावना है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसका अक्ष समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। तथा यह मौटे तौर पर देशांतर 70 डिग्री पूर्व से अक्षांश 30 डिग्री उत्तर के उत्तर में स्थित है। भारतीय क्षेत्र में कतरनी क्षेत्र बना हुआ है तथा अब यह समुद्र तल से 3.1 से 4.5 किमी की ऊंचाई पर ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ दिखाई दे रहा है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जाने वाला एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, साथ-साथ चल रहा है। इन परिस्थितियों में मानसून की दशा अब तक अनुकूल है।

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