श्री गौड़ीय मठ में श्रीकृष्ण चंदन शृंगार यात्रा 30 अप्रैल से
मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ मंदिर में अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) से 21 दिवसीय श्रीकृष्ण चंदन शृंगार महोत्सव शुरू होगा। इस महोत्सव में भगवान श्रीकृष्ण को प्रतिदिन अलग-अलग वेश में सजाया जाएगा। हर दिन की...

मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ मंदिर में अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) से 21 दिवसीय श्रीकृष्ण चंदन शृंगार, फूल बंगला और झांकी महोत्सव की शुरुआत होगी। इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। मौके पर भक्तों की ओर से सील बट्टा पर चंदन घिसने और फूल बंगला की सजावट में अपनी सेवा देंगे। चंदन यात्रा के दौरान राजधानी के मीठापुर स्थित सबसे पुराने श्रीकृष्ण मंदिर में भगवान के सभी अंग पर चंदन और कुमकुम का लेप लगाया जाएगा। उन्हें फूलों की मुकुट, हार और कपड़े पहनाकर सजाया जाएगा। 21 दिनों तक अलग-अलग वेश में पूजा : 21 दिवसीय महोत्सव में भगवान श्रीकृष्ण को प्रतिदिन अलग-अलग वेश में शृंगार और पूजन किया जाएगा। पहले और दसवें दिन श्रीकृष्ण को नटवर वेश, दूसरे दिन श्रीकृष्ण जन्म वेश में, तीसरे दिन राजाधिराज वेश में, चौथे दिन वन बिहारी वेश, पांचवें दिन वत्सहरण वेश, 11वें दिन रासमंडल वेश, 14वें दिन रघुनाथ वेश, 17वें दिन गिरिधारी वेश और 20वें दिन गजेन्द्र मोक्षण वेश में भगवान की सजावट होगी। मौके पर प्रतिदिन भगवान की सुंदर झांकी मंदिर में निकाली जाएगी। कलाकारों की ओर से गौड़ीय नृत्य की प्रस्तुति होगी।
प्रतिदिन होगी श्रीकृष्ण लीला कथा : श्रीकृष्ण चंदन शृंगार यात्रा के दौरान 21 दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण के अलग-अलग रूपों और वेशों पर आधारित कथाओं का वाचन होगा। मीठापुर स्थित श्रीगौड़ीय मठ मंदिर के अध्यक्ष भक्ति रसमय रस सार महाराज की ओर से इन कथाओं का सुंदर वर्णन किया जाएगा। शृंगार यात्रा के पहले दिन अक्षय तृतीया पर भगवान श्री कृष्ण के नटवर लीला की कथा सुनायी जाएगी।
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