बिहार ने केंद्र से 6 महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए मांगी मदद
बिहार ने रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को छह प्रमुख प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें बौद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर, दक्षिण...

बिहार ने रेलवे नेटवर्क को सशक्त बनाने के साथ ही यहां के पर्यटन और सामाजिक महत्व के स्थानों को जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार से मदद मांगी है। इस संबंध में राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को छह अहम प्रस्ताव भेजे हैं। इन छह प्रस्तावों में बौद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर से लेकर नए रेल पुल, दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार उपनगरीय परिवहन नेटवर्क जैसी कई अहम परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने मंगलवार को इस संबंध में एक पत्र रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को भेजा है। इस विशेष पत्र में उन्होंने बिहार में रेल परिवहन का जिक्र करते हुए लिखा है कि रेल परिवहन न केवल यात्रियों एवं वस्तुओं के परिवहन का एक सुविधाजनक माध्यम है, बल्कि यह किसी भी राज्य विशेषकर बिहार जैसे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्य सचिव ने जनसंख्या घनत्व की भी चर्चा की है और बताया है कि साल 2024 में बिहार का जनसंख्या घनत्व 1388 प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो राष्ट्रीय औसत से 289.5 प्रतिशत अधिक है। राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर रेलवे ट्रैक की उपलब्धता 5.31 किलोमीटर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 9.81 किलोमीटर है। श्री मीणा ने इन परियोजनाओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया है और कहा है कि राज्य सरकार सभी योजनाओं के कार्यान्वयन में जरूरी और हरसंभव सहायता सुनिश्चित करेगी। मुख्य सचिव ने इन परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा: 1. बुद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर : दोहरीकरण और नई ट्रेन की मांग पटना-गया-तिलैया-राजगीर- फतुहा (बख्तियारपुर-तिलैया दोहरीकरण की स्वीकृति) रेल मार्ग पर एक सर्कुलर ट्रेन सेवा शुरू की जा सकती है। इससे बोधगया और राजगीर आने-जाने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी। साथ ही पटना, जहानाबाद, गया, नवादा और नालंदा जिलों के निवासियों को लाभ मिलेगा। 2. दक्षिण बिहार उपनगरीय परिवहन नेटवर्क : अतिरिक्त रेललाइन की मांग बक्सर, भोजपुर, रोहतास, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई तथा बांका जिलों को राजधानी पटना से जोड़ना आवश्यक है। मुंबई की तरह लोकल ट्रेन सेवा चलायी जाए। तीसरी तथा चौथी अतिरिक्त रेल लाइन का निर्माण किया जाय। 3. उत्तर बिहार उपनगरीय परिवहन नेटवर्क : अतिरिक्त रेल लाइन की मांग उत्तर बिहार के सीवान, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा को राजधानी पटना से जोड़ने के लिए एक उपनगरीय परिवहन नेटवर्क विकसित किया जाए। इसके लिए सीवान-छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-दरभंगा खंड पर अतिरिक्त रेल लाइनों का निर्माण आवश्यक है। सीवान-छपरा-हाजीपुर-बरौनी-कटिहार खंड में तीसरी और चौथी रेल लाइन जरूरी है। 4. पटना क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क : फतुहा-बिदुपुर के बीच रेल पुल की मांग फतुहा और बिदुपुर के बीच रेल पुल निर्माण की मांग। इसके अतिरिक्त पटना-पटना साहिब-फतुहा-बिदुपुर-हाजीपुर-सोनपुर-पाटलिपुत्र-पटना मार्ग पर पटना क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क विकसित किया जा सकता है। 5. उच्च घनत्व नेटवर्क में अतिरिक्त रेलवे लाइन: अतिरिक्त रेल लाइन की मांग डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किउल खंड पर तीसरी और चौथी रेलवे लाइनों को शीघ्र मंजूरी की आवश्यकता है। डीपीआर बनाने की प्रक्रिया जारी है और राज्य सरकार की ओर से गुलजारबाग-पटना सिटी जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी भूमि अधिग्रहण के लिए हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। 6. आरा-छपरा के बीच गंगा नदी पर नया रेल पुल बनाने की मांग आरा और छपरा के बीच एक नया रेल पुल बनने से शाहाबाद और सारण के बीच संपर्क बढ़ेगा, जिससे उत्तर एवं दक्षिण बिहार के बीच यातायात सुगम हो सकेगा। कहलगांव के पास एक नए रेल पुल के निर्माण की योजना है।
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