प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा का कानून बनाए केंद्र : खेग्रामस
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और जीविका की गारंटी के लिए केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की है। 24-25 मई को हुगली में हुई बैठक में दलितों और...

अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा, सम्मान और जीविका की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग की है। इस संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पश्चिम बंगाल के हुगली में 24-25 मई को हुई, जिसमें प्रधानमंत्री के नाम गांव के दलितों, वंचितों, और मजदूरों के ज्वलंत सवालों को लेकर स्मार पत्र भेजने का फैसला लिया गया। जिसमें पांच मांगों को उठाया गया है। बुधवार को विधायक आवास में प्रेस वार्ता में खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते तीन करोड़ लोग रोजी-रोटी की तलाश में बिहार से बाहर हैं।
उन्होंने मनरेगा मजदूरी 245 रुपये को न्यूनतम मजदूरी से भी कम बताया और प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष आयोग के गठन की मांग की। खेग्रामस नेता सह विधायक गोपाल रविदास ने आरोप लगाया कि महंगाई बेरोजगारी से त्रस्त बिहार के भूमिहीनों के घरों पर बुलडोजर चल रहे हैं। इनके वास आवास के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि बिहार की दलित गरीब महिलाएं कर्ज के जाल में फंसी हैं। संगठन इन सवालों को केंद्र कर 200 से ज्यादा प्रखंडों में सम्मेलन करेगा।
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