जमीन का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए 13 लाख लोगों ने कराया आधार सीडिंग
पटना जिले में भूमि के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए 13 लाख से अधिक लोगों ने भूमि के रेकार्ड को आधार से सीडिंग कराया है। 31 मई तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य है। पालीगंज और मसौढ़ी जैसे क्षेत्रों...

जमीन का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जिले में 13 लाख से अधिक लोगों ने भूमि के रेकार्ड का आधार से सीडिंग कराया है। वैसे तो जिले में 17 लाख से अधिक लोगों ने इसके लिए आवेदन दिया है, लेकिन शेष आवेदन की जांच चल रही है। सबसे अधिक पालीगंज और मसौढ़ी में लोगों ने भूमि के रेकार्ड को आधार से लिंक कराया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी डीएम को पत्र लिखकर वैसे भूमि को आधार से सीडिंग करने को कहा है जिसकी जमाबंदी हो चुकी है। जिले में अब तक 17 लाख 45 हजार 257 लोगों ने भूमि के रेकार्ड को आधार से सीडिंग करने के लिए आवेदन दिया है। इसमें 13 लाख 25 हजार 956 लोगों की जमाबंदी आधार से लिंक हो गई है। शेष चार लाख 19 हजार 301 लोगों की जमाबंदी की छानबीन चल रही है। इसमें एक लाख 25 हजार 788 लोगों के जमीन के रेकार्ड की जांच हो चुकी है तथा इनका आधार से सीडिंग होने के लिए लंबित है। जिन अंचलों में सबसे अधिक भूमि के जमाबंदी को आधार से सीडिंग किया गया है उसमें पालीगंज में 75 हजार 121, मसौढ़ी में 74 हजार 855, पुनपुन में 67 हजार 835, बांकीपुर में 59 हजार 380 तथा धनरुआ अंचल में 57 हजार 840 लोगों की भूमि का रेकार्ड शामिल है। पिछले साल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि के फर्जीवाड़ा रोकने और विवाद को कम करने के लिए जमीन के रेकार्ड को आधार से सीडिंग करने का निर्णय लिया था इसी के आलोक में यह काम चल रहा है।
31 मई तक आधार सीडिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य
पटना जिले चार लाख से अधिक लोगों ने भूमि का रेकार्ड आधार से सीडिंग के लिए आवेदन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जो लोग भूमि को आधार से लिंक करने के लिए आवेदन दे रहे हैं उसकी छानबीन कराई जा रही है उसके बाद रेकार्ड को आधार से लिंक कर दिया जा रहा है। इसके लिए अंचल कार्यालयों में कर्मचारियों को काम सौंपा गया है। 31 मई तक आवेदन किए गए भूमि के रेकार्ड को आधार से लिंक करने का लक्ष्य रखा गया है। गत 20 अप्रैल तक जिले में जितने भी लोगों ने भूमि को आधार से लिंक कराने के लिए आवेदन दिया था उसकी छानबीन कर मामले का निपटारा किया जा रहा है।
क्यों जरूरी है भूमि के रेकार्ड का आधार सीडिंग : अधिकारियों का कहना है कि भूमि के रेकार्ड का आधार से लिंक करना इसलिए जरूरी हो गया है ताकि इससे फर्जीवाड़े को रोका जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति किसी जमीन को दोबारा बेचना चाहता है तो ऐसी स्थिति में यह मामला पकड़ में आ जाएगा। इसके अलावा एक व्यक्ति के नाम से कितनी भूमि है इसकी भी जानकारी मिल सकेगी। आधार से लिंक होने के बाद भूमि के फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा इससे भूमि विवाद के मामले भी कम होंगे।
कैसे करें आवेदन : यदि आप अपनी भूमि के रेकार्ड को आधार से सीडिंग कराना चाहते हैं तो राजस्व और भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें भूमि से संबंधित दस्तावेज जैसे रजिस्ट्री का कॉपी, जमाबंदी नंबर, रसीद, यदि एलपीसी है तो वह भी दे सकते हैं। आवेदन करने के बाद संबंधित अंचल में रेकार्ड के अनुसार इसकी छानबीन की जाती है और अंचल स्तर से ही उस भूमि को आधार से लिंक कर दिया जाता है।
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