पॉक्सो एक्ट के केस के अनुसंधानकर्ता की बड़ी लापरवाही, दो आरोपी बरी
पटना सिविल कोर्ट के पॉक्सो कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता की लापरवाही को देखते हुए बिहार के डीजीपी और पटना डीएम को बरी के फैसले की प्रति भेजी है। विशेष कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी ने अदालत में साक्ष्य देने...

पॉक्सो कोर्ट ने डीजीपी और डीएम को भेजी फैसले की प्रति पटना, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। पटना सिविल कोर्ट के पॉक्सो कोर्ट के विशेष अदालत ने बुधवार को अनुसंधानकर्ता की बड़ी लापरवाही और अज्ञानता को देखने के लिए बिहार के डीजीपी और पटना डीएम को बरी के फैसले की प्रति भेजी है। विशेष कोर्ट अपने फैसले में कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा में कांड के जांच अधिकारी ने किस लापरवाही और अज्ञानता से अदालत में साक्ष्य देने का कार्य किया है। विशेष कोर्ट ने फैसला की प्रति पटना जिला के डीएम को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा है। विशेष कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को फैसले की प्रति भेजी कर कहा कि जांच अधिकारी किस प्रकार आपराधिक घटनाओं की जांच करते है और अदालत में किस लापरवाहीपूर्वक साक्ष्य देते है।
अनुसंधानकर्ता मिथिलेश कुमार सुमन ने अदालत में लापरवाही से गवाही दी। पॉस्को का यह आपराधिक मामला पटना जिला के दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र का है। थानेदार ने एक पॉक्सो एक्ट के तहत वर्ष 2017 में एक मामला दर्ज किया था। जिसका अनुसंधान एएसआई मिथिलेश कुमार सुमन ने जांच किया था। इस मामले के दो आरोपियों मो.विशाल उर्फ सरताज आलम और मो. फुदन पर पॉक्सो एक्ट के तहत ट्रायल चल रहा था। इसी मुकदमा की सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने साक्ष्य का अभाव पाते हुए दोनो आरोपी को उनके आरोप से बरी कर दिया।
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