आंधी-पानी ने सबसे ज्यादा दुमका मुख्यालय में मचाई तबाही
दुमका में एक घंटे की आंधी-पानी ने भारी तबाही मचाई। शहर में 100 से अधिक पेड़ गिरे और विद्युत विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर गिरे जिससे कई मोहल्लों में बिजली आपूर्ति बाधित...

दुमका। महज एक घंटे की आई आंधी-पानी ने उपराजधानी दुमका मुख्यालय में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। जबकि शिकारीपाड़ा, जामा, मसलिया सहित कई प्रखंडों में भी इसका असा दूसरे दिन भी देखने को मिला। अकेले शहर की अगर बात करें तो दुमका मुख्यालय में करीब 100 से भी ज्यादा पेड़ गिरें हैं। आंधी के वजह से सबसे ज्यादा नुकसान विद्युत विभाग को हुई है। दर्जनों जगह पर बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, बिली के तार गिरे हैं। जिसके कारण दुमका शहर के करीब करीब मोहल्ले में बिजली बाधित रही। बुधवार की शाम से ही विभाग की ओर से करीब 100 से ज्यादा कर्मियों को बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए लगाया गया।
कई माहल्ले जहां कम नुकसान हुआ था बिजली गुरुवार की सुबह तो कुछ घंटे के लिए बहाल की गई। जिसके बाद दिनभर कर्मी काम करते रहे। जिसका नतीजा रहा कि रात 9 बजे के बाद अधिकांश मोहल्ले में बिजली आपूर्ति की जा सकी। बिजली की आपूर्ति को सामान्य करने में विभाग के पसीने छूट गए। दुमका शहर में कन्वेंशन सेंटर के मुख्य द्वार के सामने तो एक पेड़ गिरने से डबल पोल में लगाए गए ट्रांसफर्मर ही धराशाही हो गया है। इधर विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं होने के कारण शहर में गुरूवार को भी जलापूर्ति नहीं हो सकी। विभाग का कहना है कि विद्युत आपूर्ति किए जाने के बाद जलापूर्ति सेवा भी बहाल कर दी जाएगी। इधर परिसदन दुमका में भी कई पेड़ गिरजाने से काफी नुकसान हुआ है। बहरहाल देर रात करीब 9 बजे अधिकांश मोहल्ले में बिजली आपूर्ति बहाल कर दिए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
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