एयर डिफेंस के मामले में दुनिया में कहां खड़ा है भारत, चीन-पाकिस्तान क्यों पड़े गए बौने?
भारत के पास 'सुदर्शन' यानी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम है जिसकी तुलना अमेरिका के डिफेंस सिस्टम से होती है। वहीं चीन और पाकिस्तान के पास काफी पुराने एयर डिफेंस सिस्टम हैं।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में आतंकवाद की जड़ें हिला दीं। आतंकियों के हिमायती पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल अटैक शुरू कर दिया। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 ने पकिस्तान को उसकी औकात याद दिला दी। पाकिस्तान ने जितनी भी मिसाइलें दागीं, सब हवा में ही नेस्तनाबूत कर दी गईं। पहली बार दुनिया ने भारत के इस सुरक्षा कवच को देखा। बता दें कि दुनियाभर के देशों के पास अलग-अलग एयर डिफेंस सिस्टम है। अमेरिका और इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम का लोहा पूरी दुनिया मानती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने एयर डिफेंस सिस्टम को भविष्य के लिहाज से और भी मजबूत करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने गोल्डन डोम डिफेंस सिस्टम का चुनाव किया है।
बता दें कि एयर डिफेंस सिस्टम रडार, सेंसर, मिसाइल औक गन सिस्टम का उपयोग करता है। यह दुश्मन की तरफ से दागी गई मिसाइल को ट्रैक करके टारगेट करता है। इस प्रणाली से बलिस्टिक मिसाइल तक को रोका जा सकता है। इजरायल के आयरन डोम की तर्ज पर ही अमेरिका एयर डिफेंस सिस्टम तैयार करना चाहताहै। इसमें अंतरिक्ष में सेंसर और इंटरसेप्टर लगाए जाएंगे। इजरायल पिछले 14 साल से इस तरह के डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर रहा है। यह हाइपरसोनिक हथियारों को भी रोकने में सक्षम है।
अमेरिका के पास वर्तमान में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम है। अमेरिका ने दक्षिण कोरिया, हैती और गुवाम में भी इस सिस्टम को तैनात गिया है। इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि उसका एयर डिफेंस सिस्टम 90 फीसदी मामलों में कारगर रहता है। इजरायल के पास एक और एयर डिफेंस सिस्टम है जिसका नाम डेविड फ्लिंग है।
भारत का एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम
भारत के पास एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम है। यह ज्यादा उन्नत इसलिए है क्योंकि इसमें रूसी, इजरायली और भारत की तनकीक का इस्तेमाल किया गया है। यह एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका के पैट्रिअट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की बराबरी करता है। इसे सड़क के जरिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में होती है।
पाकिस्तान और चीन की क्या है स्थिति
पाकिस्तान इन सब मामलों में चीन के ही भरोसे रहता है। वहीं चीन ने ही पिछले कई दशकों से एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पाकिस्तान के पास चीन में ही बना एचक्यू-9, एचक्यू-16 और एफएन-16 एयर डिफेंस सिस्टम है। एचक्यू-9 रूस के एस-300 के बराबर है। हालांकि एस-400 की इससे कोई बराबरी नहीं है। भारत ने जब पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की तो उसका एयर डिफेंस सिस्टम धरा का धरा रह गया। चीन के पास भी इसी तरह के एयर डिफेंस सिस्टम हैं। चीन ने 1979 में आखिरी बार वियतनाम युद्ध लड़ा और इसके बाद एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल ही नहीं किया। उसका एयर डिफेंस सिस्टम काफी पुराना हो चुका है। इस मामले में चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत के सामने बौने नजर आते हैं।