डेयरी सेक्टर किसानों की आजीविका का सशक्त माध्यम : कुलपति
पटना में विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि डेयरी सेक्टर किसानों की आजीविका का सशक्त माध्यम है। उन्होंने भैंस के दूध को पौष्टिक बताते हुए...

पटना, कार्यालय संवाददाता। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान में विश्व दुग्ध दिवस की पूर्व संध्या पर इस बार थीम लेट्स सेलिब्रेट द पावर ऑफ डेयरी पर कार्यक्रम हुआ। शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने किया। कुलपति ने कहा कि डेयरी सेक्टर किसानों की आजीविका का सशक्त माध्यम है। आम जनता के पोषण में भी इसका अहम योगदान है। उन्होंने जेनेटिक अपग्रेडेशन, नस्ल सुधार और उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। कुलपति ने भैंस के दूध को अधिक पौष्टिक बताते हुए कहा कि इसमें 25 प्रतिशत कम पानी होता है। इससे बनने वाले उत्पाद अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं।
संस्थान द्वारा तैयार की गई दूध जांच किट जैसे आविष्कारों के जरिए उपभोक्ताओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने देसी नस्लों के संरक्षण और क्रॉस ब्रीडिंग के जरिए दूध उत्पादन बढ़ाने की रणनीतियों पर विचार रखने की आवश्यकता बताई। कॉम्फेड पटना के महाप्रबंधक हमीद उद्दीन ने कहा कि डेयरी सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए किसानों और पशुपालकों की समस्याओं को समझना जरूरी है। उन्होंने युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार के सुनहरे अवसर, अच्छी सैलरी और व्यापकता की बात कही। कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में नौकरी की अधिक संभावनाएं हैं। डेयरी निदेशक केदारनाथ सिंह ने भैंस पालन योजना की जानकारी देते हुए पशुपालकों से अपील की कि वे सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ लें और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं। इस अवसर पर संस्थान द्वारा विकसित दूध की गुणवत्ता जांच किट का विधिवत लोकार्पण भी किया गया। मौके पर संस्थान के डीन डॉ. उमेश सिंह, संस्थान के शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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