जिला परिषद कार्यालय में सवा लाख की उधार चाय गटक गए नेता, अफसर; कर्ज में डूबा चायवाला
नालंदा जिला परिषद के कार्यालय में नेता और अफसर सवा लाख रुपये की चाय उधार में गटक गए। इससे चायवाला ही कर्ज में डूब गया। अब उसे खुद रुपये उधार लेकर चाय बनाकर बेचनी पड़ रही है।

बिहार के नालंदा जिले से एक हैरान करने वाला सामने आया है। बिहारशरीफ स्थित नालंदा जिला परिषद के कार्यालय में नेता, अफसर और कर्मचारी सवा लाख रुपये की उधार चाय गटक गए। चायवाले को बीते दो साल से भुगतान नहीं किया गया, जिससे वह कर्ज में डूब गया है। चाय दुकानदार महीनों से बकाया के भुगतान का इंतजार कर रहा है। चायवाले का नाम कारू राम है। उसका कहना है कि उसके दादा और परदादा भी इसी परिसर में चाय बेचते थे।
कारू राम के अनुसार वह खुद बीते कई सालों से जिला परिषद कार्यालय में जन प्रतिनिधियों, कर्मचारियों और अधिकारियों को चाय परोसता आ रहा है। हालांकि, बीते दो सालों से चाय का बिल बकाया चल रहा है। इस दौरान नेता और अफसर 1.25 लाख रुपये का चाय का बिल उधार कर दिया। इसका अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। यह बकाया न केवल पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष, बल्कि मौजूदा कार्यकाल के दौरान भी जमा होता गया।
नालंदा की वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी ने स्वीकार किया कि कार्यालय में सिर्फ चायवाले का ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों का भी भुगतान लंबित है। उन्होंने इस स्थिति के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही जल्द ही इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया।
हालत यह है कि कारू राम अब कर्ज लेकर चाय बना रहा है और किसी तरह अपने परिवार का पेट पालने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। चायवाले का कहना है कि उसने भरोसा करके चाय पिलाई, लेकिन अब हालत है कि कर्ज लेकर चाय बेचनी पड़ रही है। बकाया पैसा कब मिलेगा, यह उसे मालूम नहीं है। वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष तनुजा कुमारी का कहना है कि चायवाला का भुगतान वाकई में लंबित है। जल्द ही इसका हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।