ED को जांच में मिली नई बात के कारण हुई राबड़ी देवी से दोबारा पूछताछ, कल लालू यादव की बारी
लैंड फॉर जॉब मामले में राबड़ी देवी और तेज प्रताप से प्रवर्तन निदेशालय नेे 4-4 घंटे पूछताछ की। इस मामले में राबड़ी से दूसरी बार सवाल-जवाब हुए। इससे पहले 2023 में भी पूछताछ हुई थी। वहीं तेज प्रताप का पहली बार ईडी से सामना हुआ। 19 मार्च लालू यादव को भी पेश होना है।

लैंड फॉर जॉब घोटाले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी से दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की है। इससे पहले 18 मई 2023 को भी ईडी ने पूछताछ की थी। बताया जा रहा है कि लालू यादव और उनके परिजनों के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए जाने हैं। इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने आने के कारण पूछताछ नए सिरे से शुरू करना जरूरी हो गया था। मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन के बदले नौकरी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से अलग-अलग चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। पूछताछ के दौरान राजद समर्थकों ने ईडी दफ्तर के बाहर नारेबाजी की।
राबड़ी देवी दोपहर के करीब 2 बजे ईडी दफ्तर से बाहर निकलीं, वहीं तेजप्रताप से पटना में इस मामले में पहली बार पूछताछ की गई, शाम पांच बजे वो बाहर आए। दोपहर एक बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे। राबड़ी अपनी बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती के साथ करीब दस बजे पटना स्थित ईडी दफ्तर पहुंचीं। दो साल के अंदर राबड़ी दूसरी बार पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचीं। इससे पहले साल 2023 को ईडी ने राबड़ी देवी, मीसा और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव से भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने जमीन के बदले नौकरी के मामले में पूछताछ के लिए राबड़ी देवी के पति और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी तलब किया है। लालू के बुधवार को ईडी के सामने पेश होने की संभावना है। 29 जनवरी 2024 को ईडी ने पटना में लालू प्रसाद यादव से 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
नौकरी के बदले जमीन मामले की आखिरी सुनवाई 11 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई थी, जहां तेज प्रताप और उनकी बहन हेमा यादव पेश हुए थे। अदालत ने सभी आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी। मंगलवार को पूछताछ के बाद राजद समर्थकों ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिन्होंने आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर राबड़ी देवी के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें प्रचार करने से रोका जा सके। राजद कार्यकर्ता राबड़ी और तेजप्रताप के पक्ष में और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते देखे गए।
वहीं इस मामले पर राजद नेता और विधान पार्षद सुनील सिंह ने कहा, यह कोई नई बात नहीं है। जब भी कोई एजेंसी हमारे नेताओं को बुलाती है, हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सवालों का जवाब देते हैं। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, अब यह साफ हो गया है कि भाजपा जब भी किसी राज्य में चुनाव का सामना करती है, तो अपने विरोधियों पर केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर देती है। हमने झारखंड और दिल्ली में यह देखा है। अब यह बिहार में देखा जा रहा है।
नौकरी के बदले जमीन मामले की आखिरी सुनवाई 11 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई थी, जहां तेज प्रताप और उनकी बहन हेमा यादव पेश हुए थे। अदालत ने सभी आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी। मंगलवार को पूछताछ के बाद राजद समर्थकों ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिन्होंने आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर राबड़ी देवी के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें प्रचार करने से रोका जा सके। राजद कार्यकर्ता राबड़ी और तेजप्रताप के पक्ष में और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाते देखे गए।
वहीं इस मामले पर राजद नेता और विधान पार्षद सुनील सिंह ने कहा, यह कोई नई बात नहीं है। जब भी कोई एजेंसी हमारे नेताओं को बुलाती है, हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सवालों का जवाब देते हैं। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, अब यह साफ हो गया है कि भाजपा जब भी किसी राज्य में चुनाव का सामना करती है, तो अपने विरोधियों पर केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर देती है। हमने झारखंड और दिल्ली में यह देखा है। अब यह बिहार में देखा जा रहा है।
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ईडी के समन के बाद राबड़ी देवी ने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकारें जानबूझकर हमें परेशान कर रही हैं। ऐसे मामले हमेशा चुनाव से पहले उठाए जाते हैं। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। पिछले साल ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में लालू यादव के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।
दरअसल आरोप है कि लालू यादव ने केंद्र में यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के कर्मियों की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार किया। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन ली गईं थी। ईडी ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।