सनातन यात्रा में शामिल हुए हजारों श्रद्धालु
सलखुआ में 108 कुंडीय श्रीविष्णु विशाल महायज्ञ के सातवें दिन, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर की कथा सुनी। भक्तों ने भजन गाते हुए मंत्रमुग्ध होकर कथा का आनंद लिया। श्रीमहाराज ने...

सलखुआ, एक संवाददाता। नौ दिवसीय 108 कुंडीय श्रीविष्णु विशाल महायज्ञ के सातवें दिन पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर की कथा श्रवण को श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ जुटी। पंडाल के चारों और भक्तों की इतनी भीड़ जुटी मानो सैलाब उमड़ा हो। वहीं श्रद्धालु श्रीमहाराज के कथा श्रवण से मंत्रमुग्ध हो भजनों पर झूमते नाचते दिखे। राधे राधे के जयकारों से पूरा पंडाल गुंजायमान व भक्तिमय बना रहा। श्रीमहाराज ने कथा में कहा कि भक्ति का नशा वह नशा है, जो मनुष्य को सन्मार्ग पर ले जाता है । भागवत कथा सुनने से पूरे सप्ताह की कथा का फल प्राप्त होता है। यह कथा जीवन को पवित्र और सन्मार्ग पर चलाने में सहायक होती है। प्रत्येक सनातनी को धर्म का पालन करना चाहिए। अपने धर्म में रहकर जीना और उसी में प्राण त्याग देना गौरव की बात है, यदि भूख-प्यास भी सहनी पड़े, तब भी धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए।
वहीं कथा के दौरान श्रीमहाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि क्या आप सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए सनातन यात्रा में मेरे साथ 10 कदम पैदल चलेंगे। तो पंडाल में जुटी श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ के एक स्वर में हां भरी जिससे पूरा पंडाल गुंजायमान हो उठा। वहीं कथा सम्पन्न होते ही जैसे ही देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज कथामंच से नीचे उतरे और श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ को देखते वाहन से ही सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए सनातन यात्रा निकाली। इस यात्रा में साधु संत के साथ बड़ी संख्या में सनातन धर्मप्रेमी व श्रद्धालुओं उनके साथ साथ चल रहे हैं। यज्ञ स्थल से निकलकर सनातन यात्रा मुख्य मार्ग के रास्ते कोपरिया गांव से निकली तो भारी जाम लग गया। इस यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में सनातनी श्रद्धालु जिनमें महिला, बच्चे, युवा और बुजुर्ग शामिल थे, बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ इस यात्रा में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। खास तौर पर महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी ने इस आयोजन को और भी भव्य और गरिमामय बना दिया। वहीं श्रद्धालुओं ने उनके ऊपर फूलों की वर्षा की। पूज्य श्री महाराज ने सभी सनातनियों का अभिवादन करते अपनी श्रद्धा प्रकट की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की शक्ति और एकता का प्रतीक बनकर उभरेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को धर्म, संस्कृति और आध्यात्म के संरक्षण के लिए भी प्रेरित करेगी। वहीं यज्ञ स्थल से माठा मोड़ तक 8 बजे संध्या तक काफी जाम लगा रहा, वहीं सलखुआ और सिमरी बख्तियारपुर थाना पुलिस के पदाधिकारियों सहित सलखुआ थानाध्यक्ष स्वयं जाम को छुड़ाने में अस्त व्यस्त दिखे।
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