पूसा का स्लूइस गेट कमजोर, आयीं दरारें
पूसा बाजार में रिंग बांध पर स्लूईस गेट का निर्माण एक वर्ष बाद भी पूरा नहीं हुआ है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना के कारण लोग चिंतित हैं। विभागीय टेंडर प्रक्रिया में फंसे काम के चलते निर्माण...

पूसा,निज संवाददाता। मानसून के जल्द आगमन की सूचना के बाबजूद पूसा बाजार स्थित रिंग बांध पर बना स्लूईस गेट एक वर्ष बाद भी नहीं बन सका। जिससे पूसा समेत आसपास की बड़ी आबादी व कई बड़े संस्थान से जुड़े लोग दहशत में हैं। मिली जानकारी के अनुसार बूढ़ी गंडक नदी के पूसा बाजार में बना स्लूइस गेट क्षतिग्रस्त होने का मामला प्रकाश में आया हैं। गेट की दीवारों में मोटी दरारेें स्पष्ट झलक रही हैं तो निचले हिस्से भी काफी कमजोर बताये गये। ऐसे में बूढ़ी गंडक में जलस्तर की बढ़ोतरी होने पर उसके दबाब को सहन करना लोग मुश्किल मान रहे हैं।
इससे बचाव को लेकर बीते वर्ष बाढ़ नियंत्रण विभाग ने फ्लड फायटिंग के तहत बोरा पिंचिंग कराकर अस्थाई रूप से मजबूती देने का प्रयास किया। बीते वर्ष माना जा रहा था कि जलस्तर में कमी के बाद इसको नये सिरे से निर्माण कराया जायेगा। लेकिन साल बीतने के बाद भी स्लूईस गेट निर्माण का कार्य नहीं हो सका। अब अगले महीने से जलस्तर के बढ़ोतरी की संभावना लोग मान रहे हैं। एैसे में स्लूइस गेट निर्माण की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। बता दें कि स्लूइस गेट या तटबंध की जर्जरता या टूटने से पूसा व आसपास के दर्जनों पंचायतो से जुड़ी आबादी के अलावा डॉ.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, बोरोलॉग इन्स्टीच्यूट फॉर साउथ एशिया, डायट, अनुमंडलीय अस्पताल, सहकारिता प्रशिक्षण केन्द्र,प्रखंड मुख्यालय आदि को खतरा हो सकता है। विभागीय टेंडर की प्रक्रिया में फंसा काम बाढ़ नियंत्रण विभाग के एसडीओ मंजीत कुमार ने बताया कि स्लूइस गेट निर्माण से संबंधित अधियाचना विभाग को काफी पूर्व सौंप दी गई है। लेकिन विभागीय टेंडर प्रक्रिया के कारण अब तक कार्य नहीं हो सका है। अब यह कार्य अक्टूबर के बाद ही होने की संभावना है। इस बीच अगर जरूरत पड़ी तो फ्लड फाईिंटग के तहत बोरा पिंचिंग जैसे अस्थाई मजबूती देने की प्रक्रिया की जायेगी।
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