मॉकड्रिल के संशय के बीच रोहतास पुलिस चौकस
(पेज चार)थी। क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल गृह मंत्रालय के मुताबिक यह अभ्यास इसलिए जरूरी है ताकि नागरिकों को सायरन, अलर्ट सिस्टम और

सासाराम/डेहरी, हिटी। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि 7 मई को देशभर में डिफेंस मॉक ड्रिल कराई जाएगी। इसे लेकर रोहतास पुलिस भी अलर्ट मोड में है। मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद रोहतास पुलिस विभागीय कार्रवाई की तैयारी में है। एसपी का कहना है कि मॉक ड्रिल का मकसद नागरिकों को संभावित युद्ध या आपदा जैसी स्थिति से निपटने की प्रशिक्षण देना है। गौरतलब है कि देश में इस स्तर की मॉकड्रिल आखिरी बार 1971 में हुई थी। क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल गृह मंत्रालय के मुताबिक यह अभ्यास इसलिए जरूरी है ताकि नागरिकों को सायरन, अलर्ट सिस्टम और आपात स्थिति में बचाव के तरीकों की व्यावहारिक जानकारी दी जा सके।
इसके जरिए नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) की भूमिका को मजबूत किया जाएगा, ताकि युद्ध जैसे हालात में जान-माल की रक्षा की जा सके। कहां लगाए जाएंगे सायरन पुलिस पदाधिकारी के अनुसार फिलहाल मॉक ड्रिल की सूची में रोहतास जिला शामिल नहीं है। किंतु मॉकड्रिल होने पर सायरन सिस्टम प्रशासनिक कार्यालयों, फायर स्टेशनों, पुलिस मुख्यालय, बाजारों, भीड़ वाली जगहों और सैन्य ठिकानों पर स्थापित किए जाएंगे। ये सायरन 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक 120-140 डेसिबल की तीव्रता से सुने जा सकेंगे। भविष्य में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इस जिले में भी मॉक ड्रिल किया जा सकता है। कहते हैं अधिकारी एसपी रौशन कुमार का कहना है, कि मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय का जो निर्देश है, उसी के आधार पर पुलिस मुख्यालय से निर्देश प्राप्त हुआ है। किंतु बुधवार को मॉक ड्रिल या अन्य कार्रवाई जिला पुलिस की ओर से नहीं किया जाना है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश प्राप्त होने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
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