Public Toilet Crisis in Block Headquarters Women Face Embarrassment Amid ODF Plus Claims ओडीएफ घोषित संझौली में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं, Sasaram Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSasaram NewsPublic Toilet Crisis in Block Headquarters Women Face Embarrassment Amid ODF Plus Claims

ओडीएफ घोषित संझौली में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं

(पेज सात) भी उपयोगी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। यह हाल तब है, जब यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्रखंड कार्यालय में सरकारी कामकाज को

Newswrap हिन्दुस्तान, सासारामThu, 22 May 2025 04:12 PM
share Share
Follow Us on
ओडीएफ घोषित संझौली में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं

प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से होती है काफी परेशानी, महिलाओं को झेलनी पड़ती है शर्मिंदगी ओडीएफ प्लस के तहत 10 सार्वजनिक शौचालयों का कराया गया था निर्माण, देखरेख के अभाव में सभी पड़े हैं बेकार संझौली, हिन्दुस्तान टीम। एक ओर जहां प्रशासन प्रखंड को खुले में शौच से मुक्त कराने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय की तस्वीर इस दावे को झुठलाती नजर आती है। विडंबना है कि स्वच्छता में मिशाल बनाने वाले इस प्रखंड मुख्यालय में एक भी उपयोगी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। यह हाल तब है, जब यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्रखंड कार्यालय में सरकारी कामकाज को लेकर आते हैं।

हजारों यात्री बस स्टैंड से सफर करते हैं। बताया जाता है कि करीब एक दशक पहले प्रखंड मुख्यालय पर कुछ शौचालय बनाए गए थे। लेकिन, उनकी स्थिति अब इतनी खराब हो चुकी है कि वे उपयोग लायक नहीं रहे। पुराने शौचालय के सामने गंदगी के अंबार लगे हैं। नियमित सफाई नहीं होने से वहां बदबू और गंदगी का माहौल बना रहता है। महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है। जिन्हें भारी शर्मिंदगी और असुविधा का सामना करना पड़ता है। मुख्य बाजार में बस स्टॉप की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। यहां प्रतिदिन तीन से चार हजार लोग आते-जाते हैं, लेकिन यूरिनल तक नहीं है। स्थानीय लोगों के सहयोग से बना छोटा यूरिनल अनुपयोगी हो गया है। यात्रियों को मजबूरी में आसपास की झाड़ियों या खुले स्थानों का सहारा लेना पड़ता है। सुसाड़ी व बैरी स्टैंड, उदयपुर मोड़ आदि जगहों पर भी सार्वजनिक शौचालयों की भारी कमी है। बताते चलें कि स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रखंड में ओडीएफ प्लस के तहत 10 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इनमें जमुहारी, मोतिहारी, सुसाड़ी, मसोना, मिश्रवालिया, बगेया, चैता, चवरियां, ब्रह्म बाबा और महादलित टोला शामिल है। लेकिन इन सभी शौचालयों की स्थिति काफी खराब है। देखरेख और सफाई की जिम्मेदारी पंचायतों को सौंपी गई थी। लेकिन संसाधनों और निगरानी के अभाव में ये शौचालय भी बंद पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना था कि शौचालय निर्माण करना बड़ी बात नहीं होती, उसकी नियमित सफाई, देखरेख और संचालन की जरूरत होती है। पंचायत स्तर पर जवाबदेही तय नहीं होने के कारण ये सुविधाएं बेकार हो गई हैं। कहते हैं अधिकारी बीडीओ प्रभा कुमारी ने बतायी कि प्रखंड मुख्यालय पर बहुत जल्द ही सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होगा। शौचालय बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। जल्द लोग सार्वजनिक शौचालय का लाभ ले सकेंगे। कहते हैं समन्यवय लोहिया स्वच्छता अभियान के समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि अब तक प्रखंड मुख्यालय पर सार्वजनिक शौचालय निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है। यदि जमीन उपलब्ध कराई जाती है तो जल्द प्रस्ताव भेजा जाएगा। कहा कि पुराने शौचालयों की सफाई कराई जाएगी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।