तीन सप्ताह से लापता यूपी के मजदूर की हुई थी हत्या, गड्ढे से शव बरामद
बथनाहा के मधुबनी गांव के समीप, 31 मार्च से लापता मजदूर जितेंद्र (30) का शव एक खेत के गड्ढे से मिला। पुलिस ने हत्या के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपी विजय कुमार और राजीव कुमार...

बथनाहा। सहियारा थाना क्षेत्र के मधुबनी गांव के समीप संचालित ईंट उद्योग से 31 मार्च की रात से लापता मजदूर जितेंद्र (30) की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने यूपी के रायबरेली के गुरबक्सगंज निवासी जितेंद्र का शव शुक्रवार को बथनाहा के रुपहरा गांव के समीप एक खेत के गड्ढे से बरामद किया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। घटना की सूचना परिजनों को दे दी गई है। जानकारी के अनुसार, जितेंद्र चार माह पूर्व से सूमो ईट उद्योग में रहकर ईंट पकाने का काम करता था। अचानक से वह गायब हो गया। उसका फोन स्विच ऑफ आने लगा। काफी खोजबीन के बाद जितेंद्र की मां गंगावती देवी ने एसडीपीओ सदर से इसकी जानकारी दी। एसडीपीओ सदर रामकृष्ण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि मामले में 18 अप्रैल को सहियारा थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
एफआईआर में चिमनी मालिक सहियारा थाना क्षेत्र के टेढ़िया मधुबनी गांव निवासी शिवजी सिंह के पुत्र विजय कुमार व मुंशी बथनाहा थाना क्षेत्र के रुपहरा गांव निवासी बैजू राय समेत चार को नामजद किया गया है। आरोप है कि मजदूरी के पैसे मांगने पर आरोपियों ने जितेंद्र की हत्या कर लाश को गायब कर दिया है।
एसडीपीओ ने बताया कि एसपी के नर्दिेश पर पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर छानबीन की। इसमें 31 मार्च की रात हत्या कर शव छुपाने का मामला सामने आया। इसके बाद दबिश बनायी गयी। आरोपी नेपाल भाग गये हैं। नेपाल पुलिस से भी संपर्क किया गया।
23 अप्रैल को कोर्ट में किया सरेंडर
एसडीपीओ ने बताया कि इस बीच 23 अप्रैल को आरोपी विजय कुमार व राजीव कुमार ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस के अनुसार, रिमांड पर लेकर पूछताछ में आरोपियों ने मारपीट कर हत्या की बात स्वीकार की है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि रुपहरा गांव के सरेह स्थित एक सुखी पोखर में जेसीबी से मट्टिी खोदकर शव को दफना दिया है।
ईंट खराब होने पर की थी मारपीट
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ईंट पकाने में जितेंद्र द्वारा लापरवाही हुई थी। इसमें भारी मात्रा में ईंट बर्बाद करने का आरेाप लगा था। इससे उसका रुपया रोका गया था। रुपये की बराबर मांग जारी थी। इससे आक्रोशित होकर उसके साथ मारपीट की गयी और जिसमें उसकी मौत हो गयी। इसके बाद साक्ष्य छुपाने के लिए शव को दफना दिया गया।
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