बारिश ने गेहूं उत्पादक किसानों की बढ़ाई चिंता
सीतामढ़ी में सोमवार को मौसम में परिवर्तन हुआ, हल्की बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गेहूं की फसल कटाई में देरी हो रही है और बारिश से नुकसान का खतरा बढ़ गया है। अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस...

सीतामढ़ी। जिले में सोमवार को भी मौसम में परिवर्तन रहा। सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। जिले के कई हस्सिों में हल्की तो कहीं रिमझिम बारिश हुई। वहीं पुरवा हवा चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। कृषि वज्ञिान केंद्र के वरीय व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में औसतन 06 एमएम बारिश दर्ज की गई। सोमवार का अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। रविवार की अपेक्षा सोमवार को अधिकतम तापमान में छह डग्रिी सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 29 डग्रिी सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 22 डग्रिी सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 अप्रैल तक आसमान में बादल छाए रह सकते है। कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।
बारिश ने गेहूं उत्पादक किसानों की बढ़ाई चिंता : रविवार व सोमवार को हुई बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेत में लगी गेहूं की फसल के अलावा खलिहान में रखी फसल के चौपट होने की चिंता किसानों को सता रही है। किसानों ने गेहूं की कटनी कर खेत में फसल छोड़ रखी है या खलिहान में उनकी फसल आई है। उन्हें गेहूं के दाने के खराब हो जाने की चिंता सता रही है। वर्षा के कारण फसलों की कटाई के बाद अनाज निकालने के काम में भी देरी हो रही है। किसान महेश्वर प्रसाद ने बताया कि करीब एक पखवाड़ा पहले बारिश ने फसलों को चौपट कर दिया था। रही सही कसर यह बारिश ने पूरी कर दी। बता दे कि अभी भी करीब 20 से 30 फीसदी गेहूं की फसल खेत और खलिहान में पड़ी हुई है। इधर एक सप्ताह से गर्मी मौसम में तल्खी आई थी तो किसान तेजी से अनाज निकालने में जुटे हुए थे खेत-खलिहान में लगातार थ्रेसर और हार्वेस्टर चल रहे थे। किशन मणि भूषण सिंह ने कहा कि एक सप्ताह अगर पछिया हवा चलती रहती तो गेहूं की सारी फसल घर में आ जाती।
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